70 साल बाद जगी उम्मीद, गृह कर लगने से सपने होंगे पूरे

- छह दिन में 366 रसीद काटी, कर के रूप में 2.69 रुपये की आय हुई हस्तिनापुर। पिछले 70 सालों से ऐतिहासिक नगरी में करीब आठ हजार भवन स्वामी अपने घरों पर गृह कर की मांग कर रहे थे, परंतु आज तक कर नहीं लगा था। अब चेयरपर्सन सुधा खटीक ने ऐतिहासिक नगरी में गृह कर की शुरुआत की है। ऐसे में ऐतिहासिक नगरी के लोगों का कहना है कि यहां पर हर पात्र व्यक्ति के घर पर गृह कर लगना चाहिए। ऐतिहासिक नगरी में करीब आठ हजार घरों पर गृह कर लगने से न सिर्फ नगर पंचायत की आय बढ़ेगी, बल्कि यहां लोगों को भी बड़े लाभ मिलेंगे। कर नहीं लगने से अभी तक यह सरकारी योजनाओं से वंचित थे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मात्र चार लोगों के ही आवास बन सके, क्योंकि उनके पास ग्रह कर की रसीद नहीं थी। नगर पंचायत द्वारा घर-घर जाकर अभियान के छठे दिन 366 रशीद काटी। इससे कुल भवन कर 138114 व जल कर 28434 रुपये वसूला गया। चेयरपर्सन सुधा खटीक ने बताया कि करीब 1.02 लाख जल कर का बकाया लोगों ने जमा कराया है। इस कारण जल कर और गृह कर के रूप में पिछले छह दिनों में नगर पंचायत को 2.69 लाख रुपये की आय हुई है। उन्होंने बताया कि ऐतिहासिक नगरी के लोग लगातार नगर पंचायत पहुंचकर अपने घरों पर गृह कर लगाने की मांग कर रहे हैं। बिना गृह कर के रहता था प्रशासनिक कार्रवाई का डरगृह कर लगने के बाद ऐतिहासिक नगरी के लोग काफी उत्साहित नजर आ रहे हैं। लोगों का कहना है कि अब गृह कर की रसीद मिलेगी तो उनके पास सरकारी सबूत होगा। अब से पहले उन्हें अपने घरों पर सरकारी कार्रवाई का डर रहता था। इस कारण वह कच्ची छत के घरों में ही जीवन यापन कर रहे थे। प्रधानमंत्री योजना का भी लाभ उन्हें नहीं मिल रहा था। अब उनके यह सपने साकार होंगे। गृह कर पर लोगों की प्रतिक्रियाऐतिहासिक नगरी में 70 सालों से ग्रह कर का इंतजार कर रहे थे। किसी भी चेयरपर्सन या स्थानीय प्रतिनिधि ने गृहकर नहीं लगाया। इस कारण आज तक अपने ही घरों के मालिक बनने से वंचित थे। चेयरपर्सन सुधा खटीक के नेतृत्व में यह संभव हो पाया है। -इंद्रजीत सिंह जाटव1964 से लगातार ऐतिहासिक नागरिक का विस्तार हो रहा है। आबादी लगातार बढ़ रही है। साथ ही साथ नगर का क्षेत्रफल भी बढ़ रहा है, परंतु लोगों को घरों के मालिकाना हक का अभी भी इंतजार था। अब चेयरपर्सन ने यह सौगात दी गई। -प्रेमचंद जाटव हमारे घरों पर भी नियम के तहत गृह कर लगना चाहिए। गृह कर नहीं होने से सरकारी योजनाओं से वंचित हैं। लगातार मांग कर रहे थे, परंतु कोई सुनने को तैयार नहीं था। चेयरपर्सन सुधा खटीक ने असंभव को संभव कर दिया। -ऋषिपाल सिंह ऐतिहासिक नगरी में भवन कर लगाकर एक ऐतिहासिक कार्य किया है। जिस कार्य को पिछले नगर पंचायत प्रतिनिधि नहीं कर सके, वह कार्य अब हो रहा है। यह कार्य बड़ा सराहनीय है। इसका लोगों को लाभ मिलेगा। -रितेश कुमार प्रेमचंद जाटव प्रेमचंद जाटव प्रेमचंद जाटव

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 28, 2025, 21:07 IST
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