Kullu News: जापानी फल ने बदली बागवानों की तकदीर
जिले में 404 हेक्टेयर क्षेत्र में हो रही जापानी फल की पैदावारइस वर्ष 1406 मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान संवाद न्यूज एजेंसी कुल्लू। जिले में बागवानों की मेहनत और सरकारी योजनाओं से जापानी फल का दायरा लगातार बढ़ रहा है। जापानी फल बागवानों की तकदीर भी बदल रहा है। कुल्लू जिला आज प्रदेश में जापानी फल उत्पादन का प्रमुख केंद्र बन गया है। यहां लगभग 404 हेक्टेयर क्षेत्र में जापानी फल की खेती की जा रही है। बागवानी विभाग की ओर से इस वर्ष 1406 मीट्रिक टन उत्पादन का अनुमान जताया गया है।गौर रहे कि प्रदेश सरकार की ओर से प्रति हेक्टेयर 62,500 रुपये का अनुदान जापानी फल की खेती के लिए दिया जाता है। इसके अलावा किसानों को पावर टिलर और पावर स्प्रेयर पर 50 प्रतिशत, पक्षियों और ओलावृष्टि से बचाव के लिए नेट पर भी 80 प्रतिशत तक का अनुदान भी प्रदान किया जाता है। कुल्लू के जापानी फल की गुणवत्ता और औषधीय गुणों के चलते बाजार में अच्छी मांग होने से किसानों को बेहतर दाम मिल रहे हैं। भुंतर तहसील के खोखन गांव के किसान मदन लाल ने भी मेहनत, दूरदृष्टि और वैज्ञानिक खेती के जरिये सफलता की नई मिसाल कायम की है। उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती से आगे बढ़कर अपने खेतों में जापानी फल की खेती शुरू की। वर्तमान में मदन लाल आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बन चुके हैं। उपायुक्त तोरूल एस रवीश का कहना है कि बागवानों को सरकार की ओर से दी जा रही योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। क्या हैं जापानी फल के फायदे जापानी फल एक अत्यंत पौष्टिक, स्वादिष्ट और औषधीय गुणों से भरपूर फल है जो स्वास्थ्य के साथ-साथ किसानों की आर्थिक स्थिति सुधारने में भी सहायक सिद्ध हो रहा है। इसमें विटामिन ए, बी, फाइबर, एंटी ऑक्सीडेंट और खनिज प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो हृदय, पाचन, त्वचा, आंखों और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभकारी हैं। नियमित रूप से पका हुआ जापानी फल खाने से शरीर को ऊर्जा, रोगों से सुरक्षा और सौंदर्य दोनों मिलते हैं। इस प्रकार, यह फल न केवल स्वास्थ्यवर्धक है बल्कि पर्वतीय कृषि में समृद्धि का प्रतीक भी बनता जा रहा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 14, 2025, 17:26 IST
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