चन्द्रग्रहण: सात सितंबर को भारत में पड़ेगा ग्रहण, नहीं हो सकेंगे रामलला के दर्शन; सूतक का समय हुआ तय

सात सितंबर को लगने वाले चंद्र ग्रहण के चलते रामनगरी की धार्मिक दिनचर्या पर बड़ा असर पड़ेगा। दोपहर 12:57 बजे से सूतक लग जाएगा। इसके चलते दोपहर बाद से रामलला के दर्शन बंद हो जाएंगे। सूतक लगने के साथ ही राम मंदिर समेत अयोध्या धाम के प्रमुख मठ-मंदिरों के कपाट श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिए जाएंगे। ग्रहण की समाप्ति के बाद विधि-विधान से शुद्धिकरण होगा। इसके बाद आठ सितंबर की सुबह से श्रद्धालु फिर रामलला और अन्य देवालयों के दर्शन कर सकेंगे। ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ग्रहण काल में मंदिरों के कपाट बंद रखना सनातन परंपरा का हिस्सा है। इस अवधि में श्रद्धालु घर पर रहकर मंत्र-जप, भजन-कीर्तन और धार्मिक पाठ का आयोजन कर पुण्य लाभ अर्जित कर सकते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. प्रवीण शर्मा बताते हैं कि जब चंद्रमा, पृथ्वी व सूर्य एक सीधी रेखा में आ जाते हैं तो इस दौरान सूर्य का प्रकाश धरती पर तो पड़ता है लेकिन चंद्रमा पर नहीं पड़ता है। इससे पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है। इस खगोलीय घटना को ही चंद्रग्रहण कहते हैं। इस बार चंद्रग्रहण भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि सात सितंबर को कुंभ राशि और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र में लग रहा है। चंद्रग्रहण का स्पर्श रात नौ बजकर 57 मिनट पर होगा, मध्य रात 11: 42 पर और मोक्ष रात 01:27 पर होगा। ग्रहण पूरे देश में दृश्य होगा। चंद्र ग्रहण का सूतक काल नौ घंटे पहले शुरू हो जाएगा। चंद्रग्रहण का सूतक काल दिन में 12:57 से शुरू होगा। उन्होंने बताया कि यह ग्रहण कुंभ राशि में स्थित है। यानी चंंद्रमा और राहु की युति कुंभ राशि में हो रही है। शनि प्रवर्तित नक्षत्र पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र में है। इससे एक विशेष ग्रहण योग बन रहा है। इसे ज्योतिष में राहु-चंद्र योग कहा जाता है। ग्रहण के दौरान सूर्य-केतु की कन्या राशि में है, जिससे यह माना जाता है कि ग्रहण की ऊर्जा कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव दिखा सकती है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 02, 2025, 19:22 IST
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