Gurugram News: ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना में मेक इन इंडिया का रखा जाएगा ध्यान

ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो स्वतंत्र कॉरिडोर के रूप में होगा विकसित, अलग होगी पहचान अमर उजाला ब्यूरोगुरुग्राम। ओल्ड गुरुग्राम मेट्रो परियोजना में मेक इन इंडिया पहल का ध्यान रखा जाएगा। परियोजना में अधिकतम भारतीय तकनीकी, उपकरण और संसाधनों का उपयोग किया जाएगा। दूसरा मेट्रो कॉरिडोर एक अलग (स्वतंत्र) मेट्रो लाइन के रूप में बनेगा। स्वतंत्र कॉरिडोर में मेट्रो लाइन की अपनी अलग पहचान और संचालन प्रणाली होगी। इसका ट्रैक, स्टेशन और प्रबंधन अभी चल रही रैपिड मेट्रो से अलग होगा। यह नई मेट्रो लाइन रैपिड मेट्रो के ट्रैक या सिस्टम से नहीं जुड़ेगी या उसके साथ संयुक्त रूप से नहीं चलेगी। गुरुग्राम मेट्रो रेल लिमिटेड की ओर से मिलेनियम सिटी सेंटर (एमसीसी) से साइबर सिटी तक और सेक्टर-5 से गुरुग्राम रेलवे स्टेशन तक स्पर मेट्रो कॉरिडोर बनाया जाना है। पहले चरण में मिलेनियम सिटी सेंटर से सेक्टर नौ तक निर्माण कार्य चल रहा है। पहले गुरुग्राम मेट्रो से गुड़गांव रेलवे स्टेशन को सीधे जोड़ने का प्रस्ताव नहीं था और एफओबी से जोड़ने की योजना थी। हालांकि, बाद में इसे स्पर से मेट्रो से जोड़ने की योजना बनी। कुछ माह पहले जीएमआरएल बोर्ड बैठक में परियोजना पर चर्चा हुई थी। इसमें मिलेनियम सिटी सेंटर से साइबर सिटी तक और सेक्टर-5 से गुरुग्राम रेलवे स्टेशन तक स्पर की स्वीकृति देने और लागत में वृद्धि होने के विभिन्न कारणों को अवगत कराया। सूत्रों के अनुसार, गुरुग्राम मेट्रो का डीआरपी साल 2019 में बना और 5452.72 करोड़ रुपये की लागत से 28.50 किमी लंबाई वाली मेट्रो लाइन पर 27 स्टेशन बनाने का प्रस्ताव रखा गया था। जबकि परियोजना का क्रियान्वयन साल 2025 में किया जा रहा है। पिछले छह वर्षों में लागत में वृद्धि हुई है।गुरुग्राम मेट्रो कॉरिडोर को रैपिड मेट्रो के साथ एकीकरण के बिना एक स्वतंत्र कॉरिडोर के रूप में विकसित किया जाना है। ऐसे में अनुमानित लागत के मुकाबले स्टेशनों की कम लागत को मंजूरी दी गई। साल 2019 के डीपीआर में 81 कोच की अनुमानित लागत के मुकाबले केवल 60 कोच की लागत के लिए 480 करोड़ रुपये की मंजूरी दी गई, जबकि डीआरपी में 117 कोच की आवश्यकता का अनुमान लगाया गया था।वहीं, पीआईबी की सिफारिश है कि गुड़गांव रेलवे स्टेशन को डीपीआर में एफओबी के बजाय मेट्रो स्टेशन से मेट्रो स्पर द्वारा जोड़ा जाए, जिसके कारण 1.4 किलोमीटर लंबे स्पर (लाइन) बनाने की योजना है और अतिरिक्त लागत आएगी। इसके अलावा एनसीआरटीसी ने एयरो सिटी और खेड़की दौला के बीच दिल्ली-गुरुग्राम-बावल आरआरटीएस कॉरिडोर में बदलाव हुआ है। कॉरिडोर की लंबाई बढ़ गई है और स्टेशन के स्थान में थोड़ा बदलाव हुआ है, जिससे परियोजना प्रभावित हो रही है। परियोजना की कुल अनुमानित लागत 8,619.25 करोड़ और फाइनल होने तक 9,837.58 करोड़ होगी। इसके अतिरिक्त, सेक्टर 5 से गुड़गांव रेलवे स्टेशन तक मेट्रो स्पर को शामिल किया गया है। ऐसे में संशोधित परियोजना लागत 10,266.54 करोड़ रुपये आंकी गई है। संशोधित परियोजना लागत की आगे की जांच और अनुमोदन के लिए आवास और शहरी मामलों के मंत्रालय को भेजा जाएगा।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Oct 19, 2025, 18:51 IST
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