Ayodhya News: अयोध्या से ही चमका था बृजभूषण का सितारा
अयोध्या। भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह इन दिनों विवादों में हैं। उन पर महिला कुश्ती खिलाड़ी ने यौन शोषण जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। बृजभूषण पर भारतीय कुश्ती संघ का अध्यक्ष पद छोड़ने का दबाव भी है। बृजभूषण के सियासी सफर की बात करें तो अयोध्या उनके लिए हमेशा अहम रही। रामनगरी से ही उनको पहचान मिली। अयोध्या आंदोलन के गर्भ से उपजे नेता बृजभूषण शरण सिंह की सियासत निरंतर बुलंदी हासिल करती गई। वे राजनीति के ऐसे पहलवान बनके उभरे जिन्हें कभी कोई पटखनी नहीं दे पाया।बृजभूषण की सियासत में अयोध्या का अहम योगदान है। उन्होंने अवध यूनिवर्सिटी से लॉ में मास्टर्स की डिग्री हासिल की। इसके बाद साकेत महाविद्यालय में छात्रसंघ का चुनाव लड़ा और जीते भी। बस यहीं से उनके राजनीतिक सफर की शुरूआत हो गई। 1980 के दौर में पूर्वांचल के 8-10 जिलों में युवा नेता के तौर पर उनका नाम गूंजता था। 1987 में गन्ना समिति के चेयरमैन का चुनाव लड़ा और पहली बार में ही जीत गए। 1988 के दौर में वो पहली बार भाजपा के संपर्क में आए। बीजेपी से जुड़ने के बाद बृजभूषण ने पहली बार विधान परिषद यानी एमएलसी का चुनाव लड़ा, लेकिन 14 वोट से हार गए। फिर 90 के दशक में बृजभूषण शरण सिंह अयोध्या आंदोलन से जुड़ गए। जब लालकृष्ण आडवाणी की रथयात्रा निकली और उन्हें बिहार में गिरफ्तार किया गया तो उस समय फैैजाबाद (अब अयोध्या) प्रशासन ने बृजभूषण शरण सिंह को एक महीने के लिए जेल में बंद कर दिया था।आडवाणी जब जेल से छूटे तो उन्होंने पहली यात्रा अयोध्या से शुरू की। इस दौरान बृजभूषण गोंडा से फैजाबाद, फैजाबाद से अयोध्या और अयोध्या से लखनऊ तक आडवाणी की गाड़ी में सारथी बनकर यात्रा के दौरान साथ रहे। अयोध्या आंदोलन से जुड़ते ही बृजभूषण शरण सिंह की किस्मत पलट गई और बीजेपी ने सीधे गोंडा सीट से लोकसभा का टिकट दे दिया। अपने पहले संसदीय चुनाव में ही बृजभूषण शरण सिंह ने एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की। तमाम आरोपों, विवादों और जेल यात्रा के बावजूद वो चुनाव जीतते रहे। उनके नाम पर उनका परिवार भी राजनीतिक रसूख हासिल करता रहा।बाबरी विध्वंस में सबसे पहले गिरफ्तार हुए थे बृजभूषणबृजभूषण मंदिर आंदोलन के बड़े चेहरों में शामिल थे। 1992 में बाबरी विध्वंस हुआ तो आरोपियों की लिस्ट में जिन 40 लोगों का नाम था उसमें लालकृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह के साथ बृजभूषण भी थे। बाबरी विध्वंस केस में सीबीआई ने सबसे पहले बृजभूषण को गिरफ्तार किया। इस गिरफ्तारी के साथ बृजभूषण बड़ा नाम बन गए। हालांकि सीबीआई की स्पेशल कोर्ट ने साल 2020 में बृजभूषण शरण सिंंह समेत सभी आरोपियों को बरी कर दिया था।अयोध्या को ही बनाया राज ठाकरे के विरोध का केंद्रपिछले दिनों ही महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे अयोध्या आने वाले थे, लेकिन बृजभूषण शरण सिंह विरोध में उतर पड़े। उन्होंने शर्त रखी कि अगर राज ठाकरे को अयोध्या आना है तो सबसे पहले उत्तर भारतीयों से माफी मांगनी होगी। इस आंदोलन का भी केंद्र उन्होंने अयोध्या को ही मनाया। उन्होंने रामकथा पार्क में एक बड़ी सभा कर राजठाकरे को चुनौती तक दे डाली। इस आंदोलन में उन्हें रामनगरी के संत-धर्माचार्यों का भी पूरा सहयोग मिला।हनुमानगढ़ी में सीखे थे पहलवानी के दांवपेच बृजभूषण शरण सिंह को पहलवानी का भी शौक रहा। उन्होंने हनुमानगढ़ी में ही पहलवानी का दांवपेच सीखा था। बृजभूषण 1975 में यहां पढ़ने आए थे। उन्होंने हिंद केसरी बाबा हरशिंकर दास के साथ लंबे समय तक पहलवानी में भी हाथ आजमाया। उनकी गणना चोटी के पहलवानों में होती रही। इस समय हनुमानगढ़ी के बड़ा अखाड़ा का जीर्णोद्धार भी बृजभूषण द्वारा कराया जा रहा है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 24, 2023, 00:33 IST
Ayodhya News: अयोध्या से ही चमका था बृजभूषण का सितारा #Political #Ayodhya #Bjp #BrajbhushanSingh # #SubahSamachar