Pitru Paksha 2025: पूर्णिमा का श्राद्ध आज, आठ सितंबर से शुरू होगा पितृपक्ष; जानें- क्या है मान्यता

श्रद्धयां इदम् श्राद्धम् यानी पितरों के निमित्त श्रद्धा से किया गया कर्म ही श्राद्ध है। हिंदू पंचांग के अनुसार पितृपक्ष का आरंभ आठ सितंबर से होगा। 21 सितंबर को सर्वपितृ अमावस्या के साथ ही पितृपक्ष का समापन होगा। पूर्णिमा का श्राद्ध रविवार को किया जाएगा। शास्त्रों में मान्यता है कि पितृगण पितृपक्ष में पृथ्वी पर आते हैं और 15 दिनों तक पृथ्वी पर रहने के बाद अपने लोक लौट जाते हैं। गंगा तट के साथ ही पिशाचमोचन पर श्राद्ध व तर्पण किया जाएगा। हिंदू धर्म ग्रंथों के अनुसार जिस तिथि को जिसके पूर्वज गमन करते हैं, उसी तिथि को उनका श्राद्ध करना चाहिए। पितरों को समर्पित मास आश्विन मास आश्विन कृष्ण प्रतिपदा से आश्विन अमावस्या तक होता है। इसे पितृ पक्ष कहा जाता है। इस बार पितृपक्ष में श्राद्ध की दृष्टि से पंचमी और षष्ठी का श्राद्ध 12 सितंबर को किया जाएगा। जबकि आश्विन कृष्ण पक्ष में नवमी तिथि की हानि है जिससे इस बार पितृपक्ष 14 दिनों का होगा। पूर्णिमा का श्राद्ध सात सितंबर को किया जाएगा। ज्योतिषाचार्य पं. ऋषि द्विवेदी के अनुसार सनातन धर्म में किसी मास के पखवारा की शुरुआत उदयातिथि के अनुसार होता है। वहीं, तर्पण व श्राद्ध का समय मध्याह्न में होना आवश्यक माना जाता है। इसलिए पितृ पक्ष का प्रारंभ आठ सितंबर से हो रहा है। आश्विन कृष्ण प्रतिपदा तिथि सात सितंबर को रात 11:47 बजे लगेगी जो आठ सितंबर को रात 10:15 मिनट तक है। इससे प्रतिपदा का श्राद्ध आठ सितंबर को किया जाएगा। वहीं, पितृ विसर्जन या सर्वपितृ अमावस्या 21 सितंबर को रहेगी। इसे भी पढ़ें;UP News: कमरे में नातिन के लिए चाय लेकर पहुंची नानी, अंदर का नजारा देख निकली चीख; जानें फिर क्या हुआ

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 06, 2025, 23:55 IST
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