Ayodhya News: रामनगरी में साढ़े तीन घंटे रहेंगे पीएम मोदी
अयोध्या। राम मंदिर का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। 25 नवंबर को राम मंदिर में ध्वजारोहण समारोह आयोजित होगा। 190 फीट ऊंचे राम मंदिर के शिखर पर पीएम नरेंद्र मोदी ध्वजारोहण करेंगे। पूरा कार्यक्रम तीन से साढ़े तीन घंटे का होगा। यह बातें शुक्रवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय कहीं। वह यूपी वर्किंग जर्नलिस्ट यूनियन के प्रांतीय अधिवेशन को संबोधित कर रहे थे।उन्होंने कहा कि ध्वजारोहण की जिम्मेदारी भारतीय सेना को दी गई है। रोजाना ध्वजारोहण का ट्रायल हो रहा है। पूर्वी उत्तरप्रदेश से करीब छह हजार मेहमानों की सूची बनी है। इसमें व्यापारी, समाजसेवी, ग्राम प्रधान, जाति , विरादरी, उपजातियाें के लोग रहेंगे। इसके अलावा दो हजार मेहमान और बुलाए जा रहे हैं। ध्वजारोहण एक तरह से मंदिर की पूर्णता का संकेत होगा।चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर का निर्माण पूरा हो चुका है। मंदिर परिसर में यात्री सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। 10 हजार से अधिक लॉकर बने हैं, जहां श्रद्धालुओं के सामान जमा होते हैं। प्रवेश व निकास मार्ग पर पौने दो किलोमीटर के क्षेत्र में स्थायी कैनोपी लगाई गई है, ताकि श्रद्धालु धूप व बरसात से बच सकें। परिसर में सीवर ट्रीटमेंट प्लांट, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, पॉवर स्टेशन की भी स्थापना की गई है। परिसर में हरियाली का पूरा ध्यान रखा गया है। 30 से अधिक रामायण कालीन वृक्ष हैं। 10 एकड़ में पंचवटी का निर्माण हो रहा है। यहां बंदरों, पक्षियों, मोर आदि का बसेरा होगा। एक छोटा जलाशय भी बन रहा है, यह त्रेतायुग का अहसास कराएगा।छह करोड़ लोग कर चुके रामलला के दर्शनचंपत राय के अनुसार राम मंदिर बनने के बाद संपूर्ण भारत की जनता अयोध्या आने लगी है। 70 से 80 हजार जनता प्रतिदिन अयोध्या आ रही है। रेलवे से मिली जानकारी के अनुसार 50 हजार यात्री रेल से रोजाना आ रहे हैं। 80 हजार लोग रोजाना रामलला के दर्शन कर रहे हैं। प्राण प्रतिष्ठा के बाद से अब तक छह करोड़ से ज्यादा लोग रामलला के दर्शन कर चुके हैं।देश-दुनिया का अनोखा मंदिर चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर देश-दुनिया का एक अनोखा मंदिर है। मंदिर में एक ग्राम भी लोहे का इस्तेमाल नहीं हुआ है। पत्थरों से मंदिर बना है। पत्थरों को जोड़ने के लिए तांबे का इस्तेमाल किया गया है। मंदिर की लंबाई 350 फीट, चौड़ाई 250 फीट, ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर कुल 392 स्तंभों पर खड़ा है। मंदिर के चारों ओर आयताकार परकोटा बनाया गया है। इसमें छह (भगवान शिव, सूर्य, गणेश, हनुमान, माता भगवती व माता अन्नपूर्णा) मंदिर बने हैं। लक्ष्मण जी का भी शेषावतार मंदिर बना है। राम के समकालीन पात्रों महर्षि वशिष्ठ, महर्षि वाल्मीकि, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, निषादराज, अहिल्या व माता शबरी के भी मंदिर बने हैं। इसके अलावा जटायु व गिलहरी भी परिसर की शोभा बढ़ा रहे हैं।म्यूरल में होगा पूरे भारत का दर्शन ट्रस्ट के महासचिव ने बताया कि मंदिर में रामकथा दर्शाते म्यूरल भी लग रहे हैं। रामजन्म से लेकर राम राज्याभिषेक तक के 87 थ्रीडी म्यूरल लगाए जा रहे हैं। इसके अलावा हिंदुस्तान के ऐतिहासिक प्रसंगों पर आधारित कांस्य के 80 म्यूरल भी लग रहे हैं। पूरे भारत का दर्शन इन प्रसंगों के जरिये होगा। हर म्यूरल पर उनके बारे में लिखा गया है। म्यूरल का स्केच पद्मश्री वासुदेव कामत तैयार करते हैं, उसके बाद उसी अनुसार म्यूरल बनाया जाता है।मंदिर में नहीं होगी व्यवसायिक गतिविधिचंपत राय ने बताया कि मंदिर में कोई व्यवसायिक गतिविधि नहीं होगी। जैसे प्रसाद, फूल-माला बिक्री के केंद्र नहीं बनाए जाएंगे। श्रद्धालु जनवरी से पूरे मंदिर परिसर का भ्रमण कर पाएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि मंदिर के निर्माण में केंद्र व प्रदेश सरकार का आर्थिक सहयोग नहीं है। उनका सहयोग अलग प्रकार का है। मंदिर समाज के पैसे से निर्मित हुआ है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 07, 2025, 21:01 IST
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