राज्यसभा चुनाव: एक-एक वोट हो गया अहम, अंत तक बढ़ी रहेंगी दावेदारों की धड़कनें; 2015 में एक वोट से जीते थे आजाद
राज्यसभा चुनाव में पीडीपी के खुलकर एनसी को समर्थन देने के बाद ऐसे समीकरण बनते दिखाई दे रहे हैं कि एक-एक वोट अहम हो गया है। जम्मू-कश्मीर में पहले भी राज्यसभ चुनावों में एक-एक वोट से हार जीत होती रही है। विधान परिषद के चुनाव में तो दो बार ऐसे भी मौके आए जब दोनों उम्मीदवारों को बराबर वोट मिलने पर पर्ची से हार-जीत का फैसला हुआ। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक दिनेश मनहोत्रा बताते हैं कि सज्जाद लोन के चुनाव में भाग न लेने के एलान के बाद 87 विधायकों के चुनाव में वोट डालने की उम्मीद है। 59 गैर भाजपा विधायकों में से कोई क्रॉस वोटिंग करे, इसकी उम्मीद बहुत कम है। निर्दलीय विधायकों को मतदान करते समय किसे वोट दे रहे हैं, यह दिखाने की बाध्यता नहीं है। इसलिए एनसी का पूरा प्रयास रहेगा कि सभी निर्दलीय विधायक उसके प्रत्याशी को ही वोट करें। सात में से पांच निर्दलीय सरकार में एनसी को समर्थन भी दे रहे हैं। वहीं भाजपा की भी दो निर्दलीय विधायकों से अपने प्रत्याशी के पक्ष में मतदान करवाने की पूरी कोशिश रहेगी। इस स्तिथि को देखते हुए एक-एक वोट कीमती हो गया है। हार-जीत का अंतर भी एक-दो वोटों का ही रहेगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Oct 24, 2025, 09:51 IST
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