Chandigarh-Haryana News: रामपाल की सजा निलंबित लेकिन हाईकोर्ट ने रखी भीड़ से दूरी रखने की शर्त

-कानून व्यवस्था को खतरा बने, ऐसे किसी आयोजन में शामिल न होने की भी शर्त-74 वर्ष की आयु, 10 साल 8 माह से जेल में होने को भी अदालत ने बनाया आधारअमर उजाला ब्यूरोचंडीगढ़। पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने सतलोक आश्रम बरवाला के विवादित स्वयं भू संत रामपाल की सजा को निलंबित कर दिया है। अपने विस्तृत आदेश में हाईकोर्ट ने कहा कि सजा निलंबित रहते रामपाल भीड़ वाली मानसिकता को बढ़ावा नहीं देगा। साथ ही ऐसे किसी भी आयोजन से दूरी बनाए रखेगा जिससे कानून व्यवस्था को खतरा हो। रामपाल 10 साल से अधिक समय से हत्या के मामले में उम्रकैद की सज़ा काट रहा था। मामला 2014 का है, जब आश्रम में हुई हिंसा के दौरान पांच महिला अनुयायियों की मौत हो गई थी। आरोप था कि रामपाल ने महिलाओं और अन्य अनुयायियों को एक कमरे में बंधक बनाकर रखा, जहां दम घुटने से उनकी मृत्यु हो गई। हालांकि, अदालत ने कहा कि इस मामले में कई महत्वपूर्ण विवादित बिंदु हैं। कोर्ट ने माना कि गवाहों ने स्वयं बयान दिया है कि मौतें दम घुटने से नहीं बल्कि पुलिस द्वारा छोड़े गए आंसू गैस शेल्स से उत्पन्न स्थिति के कारण हुई थीं। अदालत ने कहा कि रामपाल की उम्र 74 वर्ष हो चुकी है और उसने अब तक 10 साल 8 महीने 21 दिन जेल में गुजारे हैं। ऐसे में यह उचित होगा कि अपील लंबित रहने तक उसकी सजा निलंबित की जाए। बता दें पिछले सप्ताह भी हाईकोर्ट ने उसे एक अन्य हत्या मामले में सजा से राहत दी थी जिसमें रामपाल को बिना किसी रियासत के उम्रकैद की सज़ा सुनाई गई थी। इसके अलावा, वह 2014 में सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के प्रयास के मामले में भी विचाराधीन मुकदमे का सामना कर रहा है। उस समय उसने अपने अनुयायियों की भीड़ जुटाकर पुलिस बलों का विरोध किया और बड़े पैमाने पर हिंसा हुई थी।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Sep 04, 2025, 18:34 IST
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