Jammu Kashmir: कठुआ में रावी दरिया ने 37 वर्षों के बाद फिर बदला अपना रुख, जम्मू-पठानकोट हाईवे को खतरा
जम्मू-कश्मीर में पिछले दिनों की भारी बारिश और बाढ़ के निशान हैरान करने वाले हैं। कठुआ में रावी दरिया ने 37 वर्षों के बाद एक बार फिर अपना रुख बदल दिया है। माधोपुर बैराज के गेट समय पर न खुल पाने के कारण बाढ़ के पानी ने दूसरा रास्ता बना लिया जिससे जम्मू-कश्मीर के प्रवेश द्वार लखनपुर में विनाशकारी कटान शुरू हो गया है। इधर, कई जगह भारी भूस्खलन के चलते क्षतिग्रस्त जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पांचवें दिन शनिवार को भी बंद रहा। रावी दरिया की धारा बदलने से शनिवार को पशुपालन विभाग की इमारत का एक हिस्सा पानी में समा गया। यदि कटाव इसी गति से जारी रहा तो रावी का प्रवाह सीधे नेशनल हाईवे की ओर मुड़ सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि ऐसा हुआ तो जम्मू-कश्मीर का देश के बाकी हिस्सों से सड़क संपर्क पूरी तरह कट जाएगा। स्थानीय लोगों के अनुसार इसके पहले वर्ष 1988 में रावी की धारा बदलने से लखनपुर तक पानी पहुंच गया था और भारी तबाही हुई थी। इस बार भी 26 अगस्त की रात बाढ़ का पानी कस्बे के छोर तक आ गया लेकिन प्रशासनिक तैयारी नाकाफी रही। यदि पंजाब के माधोपुर बैराज के गेट समय पर खोले जाते तो यह संकट टल सकता था। फिलहाल 10 दिन बीतने के बाद भी हालात नियंत्रित नहीं हो रहे। ऐसे में अब सेना की मदद ली जा रही है। रावी के प्रवाह में अब तक पर्यटन विभाग की एक इमारत पूरी तरह दरिया में समा चुकी है जबकि सीआरपीएफ कैंप की संरचना जलमग्न हो गई है। हाईवे का एक पुल पहले ही क्षतिग्रस्त हो चुका है जिससे वाहनों की आवाजाही एक ही पुल से हो रही है। सड़क कट चुकी है और पशुपालन विभाग व पर्यटन विभाग की अन्य इमारतों के नीचे कटान जारी है। हाईवे को खाेलने के युद्धस्तर पर प्रयास : रामबन सेक्टर के एनएचएआई परियोजना प्रबंधक शुभम ने कहा कि उधमपुर जिले के थर्ड में पहाड़ी से गिरने मलबे में दबे राजमार्ग के 250 मीटर लंबे हिस्से को साफ करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास चल रहे हैं। शुक्रवार को दिन में जो मलबा हटाया गया वह शनिवार की सुबह आधे घंटे की भारी बारिश में वैसा का वैसा हो हो गया। हाईवे पर कई जगह भूस्खलन, पहाड़ियों से पत्थर गिरे हैं। भारी बारिश से राहत पर येलो अलर्ट जारी, उफान पर झेलम प्रदेश में बारिश के लंबे दौर से अब हल्की राहत मिली है। अलबत्ता, मौसम विज्ञान विभाग ने 48 घंटे के लिए येलाे अलर्ट जारी किया है। जम्मू संभाग के छह जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। इस दौरान तेज हवाएं चल सकती हैं। पहाड़ी क्षेत्र में तापमान पांच डिग्री सेल्सियस और मैदानों में यह तीन डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है। झेलम का जलस्तर फिर बढ़ा, एक की मौत, दूसरा लापता जिला प्रशासन बारामुला और एनएचपीसी से मिली रिपोर्ट के अनुसार झेलम नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। ऐसा तीसरी बार हुआ है। आने वाले घंटों में जलस्तर और बढ़ने की उम्मीद है। इससे निचले इलाके प्रभावित हो सकते हैं। वहीं, बांदीपोरा जिले में बनियारी में शनिवार को दो व्यक्ति झेलम नदी में डूब गए। पुलिस एवं बचाव दल ने एक को बचा लिया जबकि दूसरा लापता है। उसकी तलाश जारी है। रामबन में पत्थर गिरने से एसपीओ की मौत शनिवार सुबह रामबन जिले के रामसू के नील क्षेत्र में लुरू चौकी के पास पत्थर गिरने से एक विशेष पुलिस अधिकारी (एसपीओ) पहाड़ी से नाले में गिर गया जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। नौ तक स्कूल बंद मौसम विभाग की ओर से येलो अलर्ट के चलते प्रशासन ने स्कूलों में छुट्टियां नौ सितंबर तक बढ़ा दी हैं। जम्मू संभाग में मौसम साफ रहा तो स्कूल 10 सितंबर को खुलेंगे। 12वें दिन भी बंद रही वैष्णो देवी यात्रा कटड़ा में माता वैष्णो देवी के भवन मार्ग पर कई जगह मलबा पड़ा होने के चलते यात्रा 12वें दिन शनिवार को भी बंद रही। कोई भी श्रद्धालु भवन की ओर नहीं जा सका। मार्ग पर कई जगह भूस्खलन हुआ है। मलबा अभी भी पूरी तरह नहीं हटाया जा सका है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 07, 2025, 02:04 IST
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