Noida News: वैज्ञानिक ने क्षय रोग से निपटने के लिए तैयार की नई चिकित्सा पद्धति

टीबी-विशिष्ट एटीएलएस-पीए 2021 पद्धति क्षय रोग दूर करने में होगी सहायकमाई सिटी रिपोर्टर नोएडा। एमिटी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर हृदयेश प्रकाश ने क्षय रोग से निपटने के लिए एक नई चिकित्सा पद्धति तैयार की है। उन्होंने क्षय रोग के नियंत्रण के लिए टीबी-विशिष्ट एटीएलएस-पीए 2021 पद्धति विकसित की है, जो सरकार के टीबी मुक्त मिशन के लक्ष्यों को पूरा करने में सहायक बन सकेगा।प्रोफेसर ने कहा, एटीएलएस-पीए पद्धति के तहत दो अणु एल-सेरीन और पामिटॉयल को-ए शामिल हैं, जो दो अलग-अलग समय पर दिए जाते हैं। यह विशेष रूप से बहु औषधी प्रतिरोधी टीबी (एमडीआर-टीबी) में मौजूद क्षय रोग-रोधी दवाओं की प्रभावशीलता को बढ़ाएगा। उन्होंने कहा, एटीएलएस-पीए एक स्फिंगोलिपिड मिमिक है जो सीधे माइक्रो बैक्टीरिया को मारता है। नाइट्रिक ऑक्साइड उत्पन्न करता है और हाइपोक्सिया जैसी प्रतिक्रिया को ठीक करता है जो माइक्रो-बैक्टीरिया को प्रभावी ढंग से मारने और फेफड़ों से उनके निष्कासन के लिए महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने इस तैयार करने में आईसीएमआर, एनजेएलओएमडी आगरा और एम्स से भी सहायता मिली है। हालांकि इसे सार्वजनिक तौर पर शुरू करने के लिए भी ट्रायल का इंतजार है। उन्होंने बताया कि सिर्फ क्षय रोग ही नहीं बल्कि शरीर में मौजूद अन्य बीमारियों को भी यह धीरे-धीरे ठीक करने में भी सहायक हो सकेगा।ट्रायल की मंजूरी का इंतजारप्रोफेसर ने बताया कि सीडीएससीओ से जल्द क्लीनिकल ट्रायल की मंजूरी मिल जाएगी। इसके बाद करीब 2 हजार मरीजों पर इसका ट्रायल शुरू किया जाएगा। 2021 में इस एटीएलएस-पीए पद्धति को पेटेंट के लिए भेजा गया था। इसे टीबी नवाचार शिखर सम्मेलनों में इसे नई चिकित्सा पद्धति के तौर पर पेश किया जा चुका है। इस परियोजना का उद्देश्य परीक्षणों में टीबी रोगियों में थूक रूपांतरण दर में सुधार और इलाज दर को कम करने की इसकी क्षमता का परीक्षण करना है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 07, 2025, 21:19 IST
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