Parliament: संसद की अचूक सुरक्षा के लिए CISF का फुलप्रूफ प्लान, ड्रोन-साइबर हमले होंगे नाकाम; बम की धमकी पर...
केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) ने संसद भवन परिसर की अचूक सुरक्षा के लिए 'फुलप्रूफ' प्लान तैयार किया है। ड्रोन, साइबर हमला, या बम की धमकी, अब इसकी कोई चिंता नहीं है। संसद भवन में प्रवेश नियंत्रण, परिधि, आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद और तोड़फोड़-रोधी प्रतिक्रिया, बम खतरा प्रबंधन और अग्नि एवं आपदा से निपटना, सीआईएसएफ ने इन सबके मद्देनजर, अपने जवानों को ट्रेंड किया है। सीआईएसएफ ने 200 से अधिक अग्नि एवं आपदा प्रबंधन विशेषज्ञों सहित 3,300 से ज्यादा कर्मियों की एक टुकड़ी को हवाई अड्डे जैसे सुरक्षा प्रोटोकॉल, मसलन उन्नत तलाशी, एक्स-रे बैगेज जांच और बहु-स्तरीय प्रवेश सत्यापन लागू करने के लिए तैनात किया है। संसद का शीतकालीन सत्र एक दिसंबर से 19 दिसंबर तक चलेगा। इस दौरान सांसदों एवं दूसरे लोगों को संसद भवन में आने के लिए दिक्कत का सामना न करना पड़े, इसके लिए सीआईएसएफ ने विशेष तैयारी की है। बता दें कि दिसंबर 2023 की घटना के बाद संसद परिसर की व्यापक सुरक्षा समीक्षा की गई थी। उसके बाद ही केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल को संसद भवन परिसर की सुरक्षा की कमान सौंपी गई थी। पिछले साल 20 मई को चरणबद्ध तरीके से कार्यभार संभालने के बाद, सीआईएसएफ ने संसद भवन की सभी प्रमुख सुरक्षा परतों का कार्यभार संभाल लिया था। तैनाती के बाद से ही यह बल लगातार उभरते खतरों का मुकाबला करने के लिए अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है। इसमें ड्रोन के खतरे, साइबर सुरक्षा, सीबीआरएन प्रतिक्रिया पर केंद्रित विशेष प्रशिक्षण मॉड्यूल, साथ ही राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और भारतीय सेना की विशिष्ट इकाइयों के साथ युद्ध-टीकाकरण पाठ्यक्रम भी शामिल हैं। अपनी निरंतर क्षमता वृद्धि के एक भाग के रूप में, सीआईएसएफ ने संसद सुरक्षा कर्तव्यों के लिए एक संशोधित तैनाती नीति शुरू की है। नए ढांचे के अंतर्गत, कर्मियों का कार्यकाल मौजूदा तीन वर्षों से बढ़ाकर चार वर्ष कर दिया गया है। इसमें उपयुक्तता के आधार पर एक अतिरिक्त वर्ष का विस्तार भी संभव है। नए कर्मियों के निरंतर संचार के लिए इष्टतम रोटेशन सुनिश्चित करते हुए परिचालन निरंतरता सुनिश्चित की गई है। जवानों की स्वीकृत क्षमता का एक निश्चित अनुपात हर साल बदला जाएगा। विस्तारित कार्यकाल से कर्मियों की संसद सदस्यों और भवन के भीतर आवाजाही के तरीकों से परिचितता ज्यादा मजबूत होगी। यह सटीक पहचान, सुरक्षित पहुंच प्रोटोकॉल, स्तरित खतरे का पता लगाने और प्रतिक्रिया सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। राजपत्रित अधिकारियों और अराजपत्रित अधिकारियों के लिए स्पष्ट पात्रता मानदंड निर्धारित किए गए हैं। संसद भवन में तैनात सीआईएसएफ कर्मियों के लिए एक स्वच्छ सेवा रिकॉर्ड होना जरुरी है। वे शेप-1 चिकित्सा श्रेणी में होने चाहिएं। कोई अनुशासनात्मक या सतर्कता संबंधी चिंता नहीं होनी चाहिए। कम से कम 2 विशिष्ट पाठ्यक्रम पूरे किए हों और रैंक-विशिष्ट आयु आवश्यकताओं को पूरा करना चाहिए। यह सुनिश्चित करने के लिए कि इस संवेदनशील कार्य के लिए केवल सबसे उपयुक्त कर्मियों को ही तैनात किया जाए, सीआईएसएफ ने एक अनिवार्य बहु-चरणीय जांच प्रक्रिया शुरू की है। इसमें मनोवैज्ञानिक मूल्यांकन, युद्ध शारीरिक दक्षता परीक्षण, संसद भवन विशिष्ट प्रेरण प्रशिक्षण और व्यापक सुरक्षा मंजूरी शामिल है। केवल सभी चरणों में उत्तीर्ण होने वाले कर्मियों को ही संसद कर्तव्यों के लिए तैनात किया जाएगा। संसद भवन परिसर में तैनात कार्मिक नियमित रूप से अंतर-सत्र अवधि के दौरान ऑन-साइट और ऑफ-साइट प्रशिक्षण सत्रों में भाग ले रहे हैं। यह ट्रेनिंग, एनएसजी अनुकूलित प्रशिक्षण (मानेसर), भारतीय सेना के साथ आतंकवाद-रोधी प्रशिक्षण (श्रीनगर), सीएटी (आकस्मिक कार्रवाई दल) पाठ्यक्रम (आरटीसी बहरोड़), स्नाइपर पाठ्यक्रम (आरटीसी बहरोड़) सीआरटी (आकस्मिक प्रतिक्रिया दल) पाठ्यक्रम (एनआईएसए) और सशस्त्र सहायता प्रशिक्षण (विभिन्न सीआईएसएफ आरटीसी) शामिल है। उच्च तत्परता बनाए रखने के लिए, सीआईएसएफ नियमित रूप से परिदृश्य-आधारित मॉक ड्रिल आयोजित कर रहा है। इसमें सीबीआरएन घटनाओं, आतंकवादी हमलों, ड्रोन खतरों, साइबर हमलों, बम धमकियों, निकासी अभियानों और वायु-प्रदूषण स्थितियों का अनुकरण किया जाता है। सभी अभ्यासों में अग्नि आकस्मिकता तत्वों को एकीकृत किया गया है। कम रोशनी की स्थिति में सटीकता और परिशुद्धता को बढ़ाने के लिए रात्रिकालीन फायरिंग अभ्यास भी किए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, समन्वित प्रतिक्रिया को मजबूत करने के लिए इस वर्ष दिल्ली पुलिस, अग्निशमन सेवा, आईबी, एनएसजी, एनडीआरएफ और एनडीएमसी के साथ 12 बहु-एजेंसी मॉक ड्रिल आयोजित की गई हैं। वास्तविक समय की तैयारियों का आकलन करने के लिए मासिक सरप्राइज ड्रिल भी की जाती हैं। संसद भवन में तैनात सभी कर्मियों के लिए वार्षिक मनोवैज्ञानिक परीक्षण और बीपीईटी आयोजित किया जाएगा, जबकि क्यूआरटी कर्मियों के लिए बीपीईटी मासिक आधार पर जारी रहेगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Nov 27, 2025, 18:54 IST
Parliament: संसद की अचूक सुरक्षा के लिए CISF का फुलप्रूफ प्लान, ड्रोन-साइबर हमले होंगे नाकाम; बम की धमकी पर... #IndiaNews #National #SubahSamachar
