Siddharthnagar News: ट्रॉमा सेंटर अधूरा... एसएनसीयू का इंतजार

संवाद न्यूज एजेंसीसिद्धार्थनगर। स्वास्थ्य सेवाओं की हकीकत जानने और कमियों को सुधारने और व्यवस्था बेहतर बनाने के लिए एनएमसी की टीम समय- समय पर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज आती है। हाईकोर्ट ने प्रदेश के 35 मेडिकल कॉलेजों की जांच के आदेश दिए हैं। इसमें माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज भी शामिल है। इस क्रम में जल्द ही दो सदस्यीय टीम माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में आने वाली है। टीम यहां स्वास्थ्य सुविधाओं से जुड़े 28 बिंदुओं की जांच करेगी। बीते साल जांच में ट्राॅमा सेंटर को मानक के अनुरूप नहीं पाया गया, जिसमें बदलाव के लिए निर्देश दिए गए। ट्रॉमा सेंटर तो शुरू कर दिया गया, लेकिन मानक पर खरा उतर पाएगा कि नहीं, यह टीम की जांच में पता चलेगा। लेकिन, सालभर के बीच में कई नई व्यवस्थाएं शरू हो गई हैं। इसका मरीजों को लाभ मिल रहा है। अभी सुविधाओं की जरूरत है, जिसके उपलब्ध होने से मरीजों को सुविधाएं मिलने लगेंगी।जिला अस्पताल वर्ष 2020 में माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में तब्दील कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज के अस्तित्व में आने के बाद सुविधाओं में इजाफा किया जा रहा है, जिससे इलाज के लिए आने वाले मरीजाें को सुविधाएं मिल सकें। लेकिन आज भी कई विभाग में विशेषज्ञ विभागाध्यक्ष की कमी है। अगर उनकी तैनाती हो जाए तो जहां मरीजों को इलाज में सुविधाएं मिल सकें। वहीं, एमबीबीएस की पढ़ाई करने वाले छात्राओं को भी सुविधा मिल सकेगी। इसमें काॅर्डियाेलाजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी विभाग के डॉक्टर नहीं हैं। जबकि, हार्ट और गुर्दा रोग, यूरिन से जुड़े मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इन बीमारी के शिकार रोगियों के लक्षण देखने के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया जाता है। कई सुविधाओं और डॉक्टर की जरूरत है, जिसके पूरा होने के बाद मरीजों को हायर सेंटर जाने का सिलसिला रुकेगा और मरीजों को लाभ मिल सकेगा।एनेस्थीसिया मिले तो सर्जरी में होगी सहूलियत: माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में ईएनटी के लिए चार ओटी बने हैं। ऑपरेशन करने वाले सर्जन की तैनाती भी है। लेकिन, एनेस्थीसिया के डॉक्टर के न होने के कारण केवल तीन दिन सर्जरी हो पाती है। उनके हादसे के शिकार होने के बाद वह भी बंद हो गया था। लेकिन, अब शुरू हुआ है। एक और एनेस्थीसिया की तैनाती हो गई है। ऐसे में अब ऑपरेशन का काम आसान हो गया है। अब पूरे सप्ताह छह दिन सर्जरी चलेगी। ऐसे में मरीजों को लाभ मिलने की उम्मीद है। नेफ्रोलाजी की जरूरत: मेडिकल कॉलेज में जिला अस्पताल के समय से ही डायलिसिस यूनिट संचालित हो रहा था। मेडिकल कॉलेज बनने के बाद यहां बेड की संख्या बढ़ गई।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jul 11, 2025, 23:21 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »

Read More:
SIDDHARTHNAGAR NEWS



Siddharthnagar News: ट्रॉमा सेंटर अधूरा... एसएनसीयू का इंतजार #SIDDHARTHNAGARNEWS #SubahSamachar