UP: लहलहा रहे दावे, सूख रही फसल...नहीं मिल रही यूरिया; किसानों का दर्द तो समझिए
रबी की फसल के लिए यूरिया की मांग बढ़ गई है लेकिन किसानों को समितियों पर खाद नहीं मिल रही है। इसके कारण खेतों में खड़ी फसल को नुकसान पहुंच रहा है। वहीं विभाग का दावा है कि जिले में पर्याप्त मात्रा में यूरिया उपलब्ध है। किसानों का आरोप है कि निजी उर्वरक दुकानदार और सहकारी समितियों के सचिव यूरिया की कालाबाजारी करते हुए अधिक कीमत पर खाद बेच रहे हैं। बाह की चमरौआ बहुउद्देशीय प्राथमिकी सहकारी समिति लिमिटेड के सचिव पर रविवार को खाद की कालाबाजारी करने और तय कीमत से 20 से 50 रुपये तक ज्यादा वसूलने के आरोप लगे। किसानों ने इस संबंध में वीडियो भी वायरल किया। आरोप लगाया कि यूरिया सरकारी मूल्य 266़ 50 रुपये प्रति बोरी है फिर भी सचिव एक बैग के 280 से 300 रुपये वसूल रहा है। विरोध पर सचिव ने यूरिया न होने की बात कहकर देने से इन्कार कर दिया। किसान सुबह से शाम तक लाइन में लगकर खाली हाथ लाैट गए। सहायक आयुक्त सहकारिता विमल कुमार ने कहा कि जिले में यूरिया पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। 2,748 टन यूरिया विभाग के वेयर हाउस में उपलब्ध है जिसे लगातार समितियों की आवश्यकता अनुसार पहुंचाया जा रहा है। सभी 97 समितियों पर 1300 टन यूरिया है। सभी सचिवों को सरकारी रेट पर खाद बेचने के निर्देश हैं। अगर कोई कालाबजारी या अधिक मूल्य पर बेचता है तो कार्रवाई की जाएगी है। चमरौआ सहकारी समिति के सचिव की जांच कराई जा रही है। तीन लाइसेंस हुए थे निलंबित विकास भवन के कंट्रोल रूम में किसानों की शिकायत आने के बाद कृषि विभाग ने कागारौल के तीन निजी उर्वरक दुकानदारों पर कार्रवाई की थी। बृहस्पतिवार को 280 से 300 रुपये में यूरिया बेचने के आरोप में विभाग ने तीनों के लाइसेंस निलंबित कर दिए थे। नोटिस देकर उनसे स्पष्टीकरण मांगा था। किसानों ने बयां की परेशानी -सहकारी समिति पर खाद की मारामारी है। दुकानों पर यूरिया एमआरपी से अधिक रेट पर बेची जा रही है। उनसे तय रेट पर देने की बात कहो तो कई अन्य पेस्टीसाइड लेने का दबाव बनाते हैं। समय पर खाद न मिलने से फसल प्रभावित हो रही है। - गिरवर सिंह, पैंतखेड़ा -समिति का सचिव तय रेट से 20 से 50 रुपये तक अधिक मांगता है। वह अपने परिचितों को 20 से 25 तक दे देता है। किसान सुबह से शाम तक लाइन में लगने के बाद भी खाली हाथ लौटने को मजबूर हैं। सचिव पर कार्रवाई होनी चाहिए। - रामू,सेमरा
- Source: www.amarujala.com
- Published: Dec 09, 2025, 07:00 IST
UP: लहलहा रहे दावे, सूख रही फसल...नहीं मिल रही यूरिया; किसानों का दर्द तो समझिए #CityStates #Agra #UttarPradesh #AgraUreaShortage #BlackMarketing #FarmersProtest #CooperativeSocietyScam #CropDamageRisk #आगरायूरियासंकट #कालाबाजारी #सहकारीसमितिसचिव #रबीफसलनुकसान #किसानोंकाविरोध #SubahSamachar
