सूर्य कुंड मेला में उमड़े श्रद्धालु, रामनगरी में दिखा आस्था और श्रद्धा का अनोखा संगम
रामनगरी अयोध्या में आस्था और श्रद्धा का अनोखा संगम देखने को मिल रहा है। एक ओर राधा अष्टमी का पावन पर्व है, तो वहीं भगवान सूर्य की जयंती भी उत्साह के साथ मनाई जा रही है। राम मंदिर से नौ किलोमीटर दूर चौदह कोसी परिक्रमा मार्ग पर स्थित दर्शन नगर का सूर्य कुंड और सूर्य मंदिर का मेला लाखों श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। कुंड में स्नान के बाद मंदिर में दर्शन पूजन किया जा रहा है। मान्यता है कि इस प्राचीन कुंड का निर्माण अयोध्या के सूर्यवंशी शासकों ने कराया था। वेदों में सूर्य देव को जगत की आत्मा कहा गया है। ऐसा विश्वास है कि सूर्य कुंड में स्नान और सूर्य मंदिर में दर्शन-पूजन करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं और असाध्य रोग भी दूर हो जाते हैं। कहा जाता है कि सूर्यवंशी राजा घोष का कुष्ठ रोग भी यहीं स्नान करने से ठीक हुआ था। इतिहास पर नजर डालें तो 19वीं शताब्दी में शाकद्वीपीय राजा दर्शन सिंह ने इस कुंड और मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। उनके नाम पर ही कस्बे का नाम दर्शननगर रखा गया। राजा दर्शन सिंह का निधन 1844 में हुआ था। योगी सरकार ने इस प्राचीन धरोहर को नया स्वरूप देने के लिए 14 करोड़ रुपये की लागत से जीर्णोद्धार कार्य कराया है। हर साल भादो माह के पहले रविवार को यहां सूर्य जयंती मेले का आयोजन होता है, जिसमें दूर-दराज से श्रद्धालु आते हैं। श्रद्धालु यहां सरोवर में स्नान करते हैं और सूर्य भगवान की विशेष पूजा-अर्चना करते हैं। श्रद्धालुओं की बड़ी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं। सूर्यकुंड के चारों द्वारों पर पुलिस बल तैनात किया गया है। स्नान घाटों पर भी पर्याप्त सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की गई है, ताकि भक्तों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। अयोध्या का यह पौराणिक स्थल आज भी श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, जहां हर साल लाखों लोग सूर्य भगवान की आराधना के लिए एकत्रित होते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 31, 2025, 14:06 IST
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