शॉर्ट टाइम फसल पर फोकस: पानी बचाकर कृषि करना चैलेंज, कृषि विज्ञान केंद्र ने निकाला रास्ता, जानिए कैसे
बालोद जिले में कृषि में उन्नति के साथ अब भूमिगत जल स्रोत का ध्यान रखना भी बेहद जरूरी हो गया है। दरअसल, बालोद जिले के तीन ब्लॉक को जलशक्ति मंत्रालय ने रेड जोन में लाया है। जिसमें बालोद और गुण्डरदेही ब्लॉक सेमी क्रिटिकल जोन और गुरूर ब्लॉक को क्रिटिकल जोन में शामिल किया गया है। जिसके बाद अब कृषि के साथ पानी का संरक्षण भी बेहद जरूरी हो गया है। धान की फसल आज फायदे का सौदा है। लेकिन इसका सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इसने पानी की खपत सबसे ज्यादा होती है। ऐसे में कृषि विज्ञान केंद्र ने अब इसका तोड़ निकाला है। पहले तो दलहन तिलहन और मूंग के लिए उच्च गुणवत्ता वाले बीज तैयार किए। अब मानसून में धान की फसल लेने के लिए ऐसे बीज तैयार किए हैं, जो शॉर्ट टाइम में अच्छी पैदावारी देते हैं। पानी की खपत भी कम करते हैं। जिसका नाम विक्रम टीसीआर है। कृषि विज्ञान केंद्र ने पानी बचाने का प्लान बनाते हुए इस सत्र दलहन तिलहन की फसल पर ध्यान देते हुए उन्नत किस्म के बीज किसानों को उपलब्ध कराए। जिसमें विशेष किस्म के मूंग ने अपनी एक अलग पहचान बनाई। वहीं पूरे प्रदेश में कुसुम के बीज की उपलब्धता केवल बालोद जिले में थी। जिसे लेकर प्रदेश में जिले की कृषि चर्चा में रही। वरिष्ठ वैज्ञानिक के आर साहू ने बताया कि इस बार जल संरक्षण के लिए शॉर्ट टाइम फसल पर ध्यान दिया गया। इस क्षेत्र में विक्रम TCR हर मानक पर खरा उतरने में सफल रहा मानसून के लिए सीड उपलब्ध है। 60 से 70 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की उत्पादन की गारंटी है। वहीं शॉर्ट डेज 125 से 130 दिवस के भीतर का फसल है और पानी कम लगता है। इसमें उपज बढ़ा दी गई है। हाइट कम है जिसके कारण आंधी तूफान ने भी यह धान की फसल गिरती नहीं है। आपको बता दें इस तरह के उत्कृष्ट कार्य के लिए बालोद के कृषि विज्ञान केंद्र को कृषि सम्मान अवॉर्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। और इस केंद्र में मशरूम का बीज उत्पादन कर रहे हैं, रायपुर या धमतरी से लाना पड़ता था। लेकिन अब यहां पर प्रोडक्शन कर रहे हैं। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रोफेसर के आर साहू ने बताया कि नई विक्रम-टीसीआर अन्य बीजों की अपेक्षा तेज हवा सहने में सक्षम है। यह कम समय में पकने वाली धान की किस्म है। किसानों को इसकी फसल लेने पर कम लागत आएगी। विक्रम प्रजाति कम ऊंचाई, लघु अवधि और अधिक उत्पादन की क्षमता रखती है। इसको लेकर हम अब किसानों को जागरूक कर रहे हैं। पर्याप्त मात्रा में बीज रखा गया है। किसान सीधे जाए यहां से खरीद सकते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: May 06, 2025, 12:24 IST
शॉर्ट टाइम फसल पर फोकस: पानी बचाकर कृषि करना चैलेंज, कृषि विज्ञान केंद्र ने निकाला रास्ता, जानिए कैसे #SubahSamachar