Kangra News: बागवानों को चेतावनी, मैंगो हॉपर से रहें सावधान

नूरपुर (कांगड़ा)। जिला कांगड़ा आम की पैदावार में प्रदेशभर में अग्रणी है। इन दिनों आम की फसल पर मैंगो हॉपर (तेला रोग) का खतरा मंडरा रहा है। बागवानी विशेषज्ञों ने इसकी पहचान और नियंत्रण को लेकर बागवानों के लिए उपयोगी दिशा-निर्देश जारी किए हैं।क्षेत्रीय बागवानी अनुसंधान केंद्र जाच्छ के सह निदेशक डॉ. विपन गुलेरिया ने बताया कि हॉपर की गतिविधि से पेड़ों पर सूटी मोल्ड विकसित होती है। इस कीट के कारण फूल मुरझाकर झड़ जाते हैं, जिससे फसल पर असर पड़ता है। उन्होंने कहा कि इस साल उत्पादन वर्ष (ऑन ईयर) है, जिसमें एक पेड़ 70-80 किलोग्राम तक उपज दे सकता है। इस बार मौसम की अनिश्चितता और घने बगीचे हॉपर के प्रसार में सहायक हो सकते हैं।बागवानी वैज्ञानिक डॉ. राजेश कलर ने संभावित रोग को रोकने के लिए किसानों को 200 लीटर पानी में 50 मिलीग्राम एमिडा क्लोरोपिट का छिड़काव करने की सलाह दी है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में लीची एक और महत्वपूर्ण फसल है, जो किसानों को अच्छा रिटर्न देती है। मगर इसमें फल का फटना बड़ी समस्या है। उन्होंने लीची के फलों में फटने और एफिड्स से बचाव के लिए डाइमैथोएट और मोनोक्रोटोफॉस के छिड़काव की भी सिफारिश की है। अधिक जानकारी के लिए किसान बागवानी विभाग के विशेषज्ञों से संपर्क कर सकते हैं।क्या होता है मैंगो हॉपरमैंगो हॉपर एक छोटा रस चूसने वाला कीट होता है, जो पत्तियों और फूलों का रस चूसकर उन्हें कमजोर बना देता है। इससे फूल झड़ जाते हैं और उत्पादन पर विपरीत असर पड़ता है। इनके स्रावित हनीड्यू पर काली फफूंदी विकसित हो जाती है, जो पूरे पेड़ को संक्रमित कर देती है। आम की फसल को लगा मैंगो हॉपर यानी तेला रोग। -फाइल फोटो।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 18, 2025, 19:23 IST
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