Siddharthnagar News: एक अनोखा गुण मिला है, जिसे संस्कृति कहते हैं

संवाद न्यूज एजेंसीबांसी। रतनसेन महाविद्यालय में शुक्रवार को संस्कृत विभाग की तरफ से व्याख्यान माला का आयोजन किया गया। इसकी शुरुआत मंगलाचरण से हुई। अध्यक्षता प्राचार्य डॉ. संतोष कुमार सिंह ने की। व्याख्यान माला का विषय भारतीय समाज में संस्कृति एवं संस्कृत की उपयोगिता एक अध्ययन पर व्याख्यान हीरालाल राम निवास स्नातकोत्तर महाविद्यालय खलीलाबाद, संत कबीरनगर के प्रो. विजय कृष्ण ओझा ने दिया।उक्त विषय पर उन्होंने कहा कि मानव को अनोखा गुण मिला है, जिसे संस्कृति कहते हैं। जो जीवन जीने का तरीका सिखाती है। संस्कृत भारतीयों की प्राणभूत भाषा है। इसमें ही भारतीयों का मनन चिंतन अनुभूति समन्वित है। संस्कृत विभाग की डॉ. किरन देवी ने बताया कि संस्कृत की वैदिक काल से लेकर आज तक इसकी अक्षुण्ण धारा प्रवाहित हो रही है। संस्कृत को देवभाषा, देववाणी, आदि नामों से भी व्यवहृत किया जाता है। भारतवर्ष का समस्त ज्ञान भंडार संस्कृत में ही है, जिसमें महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने धैर्य पूर्वक सुना एवं भारतीय संस्कृति एवं संस्कृत को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Apr 11, 2025, 23:56 IST
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