Karnal News: मधुमक्खियां प्राकृतिक जैव विविधता बनाए रखने में सहायक
विश्व मधुमक्खी दिवस के उपलक्ष्य में एमएचयू के कुलपति ने किसानों को किया जागरूकमाई सिटी रिपोर्टर करनाल। महाराणा प्रताप उद्यान विश्वविद्यालय करनाल में विश्व मधुमक्खी दिवस के उपलक्ष्य पर विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे एमएचयू के कुलपति प्रो. सुरेश मल्होत्रा ने कहा कि मधुमक्खियां परागण के माध्यम से न केवल कृषि उत्पादकता बढ़ाती हैं, बल्कि प्राकृतिक जैव विविधता को भी बनाए रखने में सहायक हैं। कुलपति ने कहा कि किसान खेती के साथ-साथ मधुमक्खी पालन कर ज्यादा मुनाफा कमा सकता है।नेशनल बी बोर्ड की मिनी हनी टेस्टिंग लैब परियोजना के तहत आयोजित कार्यक्रम में कुलपति ने कहा कि ये प्रयोगशाला न केवल शहद की गुणवत्ता की जांच करेगी, बल्कि किसानों को प्रशिक्षण और जागरूकता भी प्रदान करेगी। उन्होंने मधुमक्खियों के पारिस्थितिकीय महत्व और खाद्य सुरक्षा में उनकी भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मधुमक्खी किसानों के लिए प्रकृति का अनमोल उपहार हैं। डीएसडब्ल्यू डॉ. रंजन गुप्ता ने कहा कि यदि हम प्रकृति की इस अमूल्य देन को नहीं समझ पाए, तो आने वाले समय में जैव विविधता एवं खाद्य शृंखला पर गंभीर संकट आ सकता है। वैज्ञानिक डॉ. गौरव सिंह ने मधुमक्खी पालन से जुड़ी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी। छात्र हर्ष यादव ने मधुमक्खी पालन की व्यावहारिक विधियां सरल भाषा में प्रस्तुत कीं। किसानों और ग्रामीणों को विश्वविद्यालय की मधुमक्खी पालन इकाई का भ्रमण भी कराया गया। प्रतिभागियों को मधुमक्खी पालन में उपयोग होने वाले आधुनिक उपकरणों और उत्पादों की प्रदर्शनी दिखाई गई, जिससे उन्हें इसे व्यवसाय के रूप में अपनाने की प्रेरणा मिली। शुद्ध शहद किसानों को वितरित किया गया। इस मौके मौके पर निदेशक (अनुसंधान) डॉ. धर्म पाल, डीन डॉ रमेश कुमार गोयल, विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ विजय पाल यादव सहित विभिन्न विभागों के अध्यक्ष, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं और किसान उपस्थित रहे।
- Source: www.amarujala.com
- Published: May 22, 2025, 02:48 IST
Karnal News: मधुमक्खियां प्राकृतिक जैव विविधता बनाए रखने में सहायक #BeesHelpMaintainNaturalBiodiversity #SubahSamachar