Una News: स्कूलों में मिड-डे मील का बजट न मिलने से बढ़ीं मुश्किलें
हर साल फंड और वेतन के लिए करना पड़ रहा कई माह तक इंतजारदुकानों और सहकारी डिपो से उधार लेना पड़ रहा राशनसंवाद न्यूज एजेंसीऊना। सरकारी स्कूलों में मिड-डे मील और इससे जुड़े कर्मियों को हर साल वेतन और खाने के बजट को लेकर परेशानी झेलनी पड़ रही। बीते शैक्षणिक सत्रों की तरह इस सत्र में भी यही स्थिति है। वर्तमान सत्र में अप्रैल से जून माह तक मिड-डे मील कर्मियों को वेतन का इंतजार है। उधर, मिड-डे मील के खाने का खर्च भी संस्थानों को अपने स्तर पर उठाना पड़ रहा।जानकारी के अनुसार जिले में 45 राजकीय हाई स्कूल और करीब 140 राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल हैं। वहीं, 490 राजकीय प्राथमिक स्कूल संचालित हो रहे। प्री नर्सरी से लेकर आठवीं कक्षा तक मिड-डे मील तैयार हो रहा लेकिन इससे जुड़ा खर्च पहले आने के बजाय तीन से चार माह देरी से दिया जा रहा। जबकि, संस्थानों की ओर से बच्चों की संख्या सहित अन्य जानकारियां विभाग के पास पहले से मुहैया करवाई जाती हैं। इसके बावजूद प्रति बच्चे के हिसाब के बजट जारी नहीं किया जा रहा।जिला प्राथमिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष राकेश चंद्र शर्मा, महासचिव सत्येंद्र मिन्हास ने बताया कि शैक्षणिक सत्र की शुरुआत में ही मिड-डे मील का बजट जारी होना चाहिए। भोजन तैयार करने वाले कर्मचारी भी कई माह वेतन का इंतजार करते हैं। अधिकतर कर्मचारी गरीब घरों से हैं। जिन्हें कई बार अध्यापकों से उधार लेना पड़ता है। मिड-डे मील के लिए प्रति बच्चे के हिसाब से विभाग को पहले ही बजट जारी करना चाहिए। कई माह तक उधार लेकर या जेब खर्च से व्यवस्था संभालनी पड़ती है।---उपनिदेशक जिला प्रारंभिक शिक्षा विभाग सोमलाल धीमान ने बताया कि मिड-डे मील का बजट जारी होते ही उसका लाभ स्कूलों को दिया जाता है। इसमें किसी प्रकार की कोताही बरती नहीं जाएगी।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jun 12, 2025, 19:09 IST
Una News: स्कूलों में मिड-डे मील का बजट न मिलने से बढ़ीं मुश्किलें #DifficultiesIncreasedDueToNon-availabilityOfMid-dayMealBudgetInSchools #SubahSamachar