UK: हाईकोर्ट के निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग एक्टिव, डॉक्टरों के लिए पीजी से पहले पांच साल की सेवा अनिवार्य

पर्वतीय जिलों में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का हाईकोर्ट के संज्ञान लेने पर विभाग हरकत में आया है। हाईकोर्ट पहुंचीं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा ने कहा कि उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में जो भी नए डॉक्टर तैनात किए जाएंगे, वे कैबिनेट में आने वाले नई पालिसी के तहत पांच वर्ष तक अस्पताल में सेवा देने के बाद ही वे पीजी की पढ़ाई के लिए बाहर जा सकेंगे। सोमवार को नैनीताल पहुंचीं स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टम्टा ने बीडी पांडे जिला अस्पताल की व्यवस्थाओं का जायजालिया। डाक्टर आवास व ट्रांजिट हॉस्टल निर्माण के लिए खाली भूमि का निरीक्षण किया। काम में देरी होने पर अधिकारियों को जल्द काम करने के निर्देश दिए। अस्पताल में निरीक्षण के दौरान उन्होंने मरीजों से अस्पताल से मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान स्टाफ की ओर से फार्मासिस्ट स्टाफ की कमी व एंटी रेबीज वैक्सीन की कमी की बात उनके सामने रखी। इसके बाद उन्होंने अस्पताल के वार्डों का निरीक्षण किया। उन्होंने अस्पताल में बंद पड़ी सीटी स्कैन मशीन व ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को जल्द सही कराने की बात कही। पत्रकारों से रूबरू होते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. टम्टा ने एनएचएम के तहत 34 विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति होने, यूकोड के तहत 35 विशेषज्ञ चिकित्सकों के वैकल्पिक इंतजाम करने की बात कही। उन्होंने कहा कि जिला अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी दूर दूर होने के बाद मरीजों के दबाव वाले अस्पतालों को विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती में प्राथमिकता दी जाएगी। 50 प्रतिशत विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी डॉ. टम्टा ने बताया कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में 88 विशेषज्ञ डॉक्टरों की तैनाती की गई है। 16 विशेषज्ञों की तैनाती और की जानी है। बताया कि 50 प्रतिशत विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी है। अगले पांच साल के भीतर यह कमी दूर कर दी जाएगी। इसके लिए विभाग की ओर से नई पॉलिसी बनाई जा रही है, जो कैबिनेट में भी पास कराई जाएगी। पॉलिसी के तहत डॉक्टर नियुक्ति के बाद पांच वर्ष तक अस्पताल में सेवा देने के उपरांत ही सुपर स्पेशलिस्ट की पढ़ाई कर सकेंगे। साथ ही विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवानिवृत्ति की आयु 60 से बढ़ाकर 65 की जा रही है। चौखुटिया की जनता की अधिकतर मांगें पूरी महानिदेशक ने कहा कि राज्य के सभी 13 जिलों के जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन, एक्सरे और अल्ट्रासाउंड की सुविधा है। उन्होंने अस्पतालों के रेफरल सेंटर बनने के सवाल पर कहा कि राज्य में केवल रेफर मरीजों का प्रतिशत तीन है जबकि पांच प्रतिशत तक सामान्य मानक माना जाता है। कहा कि चौखुटिया में आंदोलन के बाद जनता की अधिकतर मांगों को पूरा किया जा चुका है। जल्द ही विशेषज्ञ चिकित्सक की तैनाती भी करने की बात कही। इस दौरान सीएमओ डॉ. एचसी पंत, डॉ. द्रौपदी गर्व्याल, डॉ. नरेंद्र रावत, डॉ. रविंद्र मेर आदि थे।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 18, 2025, 06:45 IST
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