Rampur News: कच्चे और तैयार माल पर जीएसटी दरें अलग-अलग, निर्यातक परेशान
मुरादाबाद। कच्चे माल पर जीएसटी की दरों में कोई बदलाव न होने से पीतलनगरी के हस्तशिल्प निर्यातक परेशान हैं। उनका कहना है कि पीतल, एल्युमिनियम और अन्य धातुओं की सिल्लियों पर उन्हें 18 प्रतिशत की दर से ही जीएसटी चुकाना होगा। तैयार माल को जब वह निर्यात करेंगे तो आईजीएसटी या लेटर ऑफ अंडरटेकिंग के जरिये उन्हें सिर्फ पांच फीसदी का ही रिफंड मिलेगा।इस तरह यदि किसी निर्यातक ने 10 लाख रुपये का कच्चा माल खरीदा तो उस पर 1.8 लाख रुपये जीएसटी चुकाना होगा। माल तैयार होने के बाद मजदूरी और अन्य शुल्क जोड़कर दूसरे देश में यदि उसे 20 लाख रुपये में भी बेचा जाता है तो निर्यातक को सिर्फ एक लाख रुपये जीएसटी रिफंड मिलेगा। अब तक निर्यातकों को 12 प्रतिशत की दर से रिफंड मिलता है। 22 सितंबर के बाद यह व्यवस्था बदल जाएगी। निर्यातकों का कहना है कि कच्चे माल पर भी जीएसटी की दरें घटनी चाहिए, तभी इंडस्ट्री को राहत मिलेगी। दूसरी ओर लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष रचित अग्रवाल कहते हैं कि नए स्लैब से घरेलू बाजार में सामान बेचने वाले व्यापारियों को लाभ होगा। हस्तशिल्प उत्पादों पर जीएसटी कम होने से उन निर्यातकों को लाभ है, जो कारखानेदारों से माल खरीदकर निर्यात करते हैं लेकिन कारखानेदारों को 18 फीसदी की दर से ही माल खरीदना होगा। उनकी पूंजी रिफंड के लिए विभाग में फंसेगी। यह समस्या भी दूर होनी चाहिए। कुछ कारोबारियों को इस बात को लेकर चिंता है कि उन्हें बढ़ी हुई जीएसटी दर का भुगतान तो तुरंत करना होगा, जबकि इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) क्लेम करने और उसे वापस पाने की प्रक्रिया में लंबा समय लगेगा। इस वजह से उनका पैसा फंस जाएगा।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 06, 2025, 03:10 IST
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