Siddharthnagar News: कम ब्याज के झांसे में लिया कर्ज, अब मानसिक उत्पीड़न
संवाद न्यूज एजेंसीसिद्धार्थनगर। माइक्रो फाइनेंस कंपनी का नेटवर्क पूरे जनपद में फैल चुका है। वह मरीजों को झांसे में लेकर आर्थिक शोषण करने के साथ- साथ मानसिक रूप से उत्पीड़न कर रहे हैं। धमकियां भी दे रहे हैं। सदर, लोटन और खेसरहा ही नहीं, उसका थाना क्षेत्र भी इससे अछूता नहीं है।क्षेत्र के करछुलिया गांव में प्रताड़ित महिलाओं से बात की गई तो उनका दर्द बाहर आ गया। महिलाओं ने बताया कि कम ब्याज और अनुदान की बातों में आकर कर्ज ले लिया, लेकिन ब्याज अधिक जोड़ा जाने लगा। हर बार दूसरा व्यक्ति रुपये वसूली करने आता है। ये लोग रात में ही धमक पड़ते हैं। अभद्रता करते हैं, कई बार उन्हें ब्याज की रकम देने के लिए कर्ज लेना पड़ रहा है। मान मर्यादा के भय से कर्ज पर कर्ज लेकर उन्हें दे रहे हैं। डर लगता है अगर शिकायत करेंगे तो बदमानी होगी। हम लोग बहुत बुरे फंस गए हैं। थाने जाने पर सबको पता चल जाएगा। इसके लिए शिकायत नहीं कर रहे हैं। अगर अधिक उत्पीड़न बढ़ा तो पुलिस तक जाना पड़ेगा। समझ में नहीं आ रहा है कि क्या करें। वहीं, पुलिस की कार्रवाई की बात करें तो सदर थाने में आई शिकायत में दो लोग जेल जा चुके हैं, जबकि खेसरहा में पीड़िताओं की शिकायत के बाद पुलिस ने दस्तावेज की जांच शुरू की है। कार्रवाई करने का भरोसा दिलाया है।इस प्रकार से होती है वसूली और बांटा जाता है कर्ज : माइक्रो फाइनेंस कंपनी की प्रताड़ना का शिकार उसका थाना क्षेत्र के करछुलिया की महिलाएं हो रही हैं। कंपनी को समय से पैसे नहीं दिए तो मान-मर्यादा की नीलामी करेंगे, इस धमकी से प्रताड़ित महिलाएं समय सीमा में ही पैसे चुकाने के लिए एक बार पुनः कर्ज ले लेती हैं। ऐसे में यह इन कंपनियों के कर्ज के जाल में फंसी रह जाती हैं। थाना क्षेत्र के करछुलिया गांव में भी इन फाइनेंस कंपनियों के एजेंटों ने अपना जाल फैला रखा है। जब पीड़ित महिलाओं से बता की गई तो नेटवर्क के बारे में पता चला कि कैसे वह फंसाते हैं और फिर आर्थिक शोषण शुरू करते हैं। पीड़ित से बातचीत में पता चला कि पहले यह लोगों को मामूली ब्याज दर बताकर कर अनपढ़ और गंवार लोगों 25 से 50 हजार तक का कर्ज देते हैं। इसके बाद इनकी वसूली का खेल शुरू होता है। गांव की भोली–भाली महिलाएं इनकी बातों में फंसकर कर्ज के बोझ तले दबती चली जा रही हैं। वह अकसर रात में ही आते हैं। हर बार दूसरा व्यक्ति वसूली के लिए आते है। कई बार रकम के लिए देर रात तक घर पर रुके रहते हैं। कहीं से भी लाकर देने पर जाते हैं। सामान उठा ले जाने, जमीन लिखवा लेने की धमकियां देते हैं। सारे दस्तावेज उनके पास होते हैं। इसलिए और डर लगता और कार्रवाई के लिए आगे जाने की हिम्मत नहीं होती है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Jan 05, 2025, 22:51 IST
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