Pithoragarh: गुफा में मिलीं असामान्य कद-काठी के मानव की हड्डियां, रहस्य सुलझाने पहुंचेगी पुरातत्व विभाग की टीम

बेड़ीनाग क्षेत्र में अब तक कई गुफाओं की खोज हो चुकी है लेकिन ताजे मामले में क्षेत्र के सिलीपाक गांव के पास एक ऐसी गुफा मिली है जो अपने आप में कई रहस्य समेटे हुए है। गुफा में एक मानव खोपड़ी और दो फुट लंबी जांघ की हड्डी मिली है। अंदाजा लगाया जा रहा है कि वर्षों पहले साधना के दौरान किसी साधक की गुफा में मौत हो गई होगी या उसे समाधि दी गई होगी। इन सवालों के जवाब खोजने और गुफा के रहस्य को सुलझाने के लिए जल्द ही पुरातत्व विभाग की टीम यहां पहुंचेगी। काफल हिल संस्था के तरुण मेहरा बेड़ीनाग, गंगोलीहाट और मुवानी क्षेत्र में गुफाओं की खोज के लिए चर्चित नाम हैं। अब तक उन्होंने इन क्षेत्रों में प्रागैतिहासिक काल सहित अन्य 12 से अधिक गुफाओं की खोज की है जो पर्यटन और पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं। बीते दिनों तरुण ने बेड़ीनाग ब्लॉक मुख्यालय से 30 किमी दूर सिलीपाक गांव में एक रहस्यमयी गुफा खोज निकाली। जमीन के ऊपर नजर आ रहे मुहाने से जब वह रस्सी के सहारे नीचे उतरे तो दंग रह गए। चूने के पत्थरों के बीच इस गुफा में 60 फुट नीचे उतरते ही उन्हें यह एक विशालकाय मानव खोपड़ी और दो फुट लंबी जांघ की हड्डी के साथ ही आसपास बिखरे मानव अवशेष नजर आए। मेहरा के मुताबिक यह खोपड़ी और हड्डी असाधारण कद-काठी वाले मानव की है। इधर, जानकारी मिलते ही आसपास के लोग गुफा के पास पहुंच गए लेकिन कोई इसके भीतर प्रवेश करने की हिम्मत नहीं जुटा सका। तरुण मेहरा ने इस रहस्यमयी गुफा और यहां मौजूद मानव खोपड़ी की सूचना पुरातत्व विभाग को दी है। जल्द ही पुरातत्व की टीम इस पूरे रहस्य को सुलझाने सिलीपाक गांव पहुंचेगी। साधक के हो सकते हैं अवशेष पुरातत्व विभाग के मुताबिक, प्राचीन काल में कई साधक गुफाओं और कंदराओं में साधना करते थे। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि सिलीपाक में मिली गुफा में भी किसी जमाने में साधक की साधना के दौरान मौत हो गई होगी। वहीं, परंपरा के अनुसार किसी साधु को यहां समाधि भी दिए जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। पुरातत्व विभाग का कहना है कि इस रहस्य का पता लगाने के लिए मौके पर जाकर जांच की जरूरत है। जल्द ही टीम वहां पहुंचेगी। स्थानीय लोग भूतिया जगह मानते हैं स्थानीय लोग इस जगह को भूतिया मानते हैं। लोगों का कहना है कि गुफा में लोहे की बड़ी चेन भी देखी गई थी। लोगों के मुताबिक इस चेन से लोगों को गुफा में बांधकर रखा जाता था। एक महिला ने बचपन में इस चेन को देखने का दावा भी किया है। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि जिस स्थान पर गुफा मिली है, पूर्व में यहां व्यापारी, सैनिक या साधु-संतों का आवागमन होता था। ऐसे में किसी के गुफा में गिरने की भी आशंका जताई जा रही है। हालांकि यह बातें सिर्फ कयासों पर आधारित हैं। क्षेत्र में कई प्राकृतिक गुफाएं मौजूद हैं। सिलीपाक गांव में मिली गुफा में मानव खोपड़ी मिलने की जानकारी मिली है। जल्द ही वहां पहुंचकर निरीक्षण किया जाएगा, उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है। - डॉ. चंद्र सिंह चौहान, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, अल्मोड़ा

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 19, 2025, 22:35 IST
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