Politics: चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोपों से चढ़ा सियासी पारा; विपक्ष और सरकार के बीच 'तू-तू मैं-मैं' तेज

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष और रायबरेली से सांसद राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर 'वोट की चोरी' करने का गंभीर आरोप लगाया है। राहुल गांधी ने प्रेसवार्ता में आंकड़े पेश करते हुए दावा किया था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के साथ मिलकर वोट की चोरी की है। इसके बाद से ही देश में सियासी पारा अपने चरम पर है। हालांकि, संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजजू ने इसको लेकर राहुल गांधी को कठघरे में खड़ा कर दिया है। किरण रिजजू ने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा कि वह चुनाव आयोग को गलत तरीके से कठघरे में खड़ा करके लोकतंत्र को कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं। रिजजू ने कहा कि राहुल गांधी एक एनजीओ का आंकड़ा दे रहे हैं। राहुल गांधी उच्चतम न्यायालय को नहीं मानते, वह चुनाव आयोग को नहीं मानते। झूठे आरोप लगाते हैं और लोकतंत्र को कमजोर करते हैं। राहुल गांधी के इस तरह के बयानों से देश की छवि खराब होती है। दूसरी तरफ कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी ने राहुल गांधी से अपने सबूत को शपथ पत्र के साथ देने के लिए कहा। इस बीच कांग्रेस के सांसद तरूण गगोई ने इस मुद्दे पर सरकार को कठघरे में खड़ा किया। उन्होंने कहा कि संसद में कई बार चुनाव आयोग के कामकाज पर चर्चा हुई है। गोगोई का कहना है कि सरकार देश को गुमराह कर रही है और सदन में बिहार में मतदाता सूची में गहन समीक्षा पर चर्चा से भाग रही है। विपक्ष कर रहा है एसआईआर पर चर्चा की मांग संसद के मानसून सत्र में विपक्ष एसआईआर (मतदाता सूची की गहन पुनरीक्षण) पर चर्चा की मांग कर रहा है। विपक्ष का आरोप है कि चुनाव आयोग एसआईआर के मामले में अपनी भूमिका निष्पक्षता के साथ नहीं निभा रहा है। राहुल गांधी ने 'इंदिरा भवन' में पत्रकारों से मुखातिब होते हुए दावा किया था कि महाराष्ट्र, हरियाणा विधानसभा चुनाव में वोटों की चोरी गई। इस तरह से 40 लाख संदिग्ध वोट पड़े। राष्ट्रीय जनता दल ने भी चुनाव आयोग द्वारा बिहार में मतदाता सूची की गहन समीक्षा को राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। समाजवादी पार्टी समेत तमाम इस मुद्दे पर सरकार से चर्चा की मांग कर रहे हैं। राहुल गांधी कहते हैं कि वह चुनाव आयोग की वोटो की चोरी का पर्दाफाश करेंगे। तरूण गगोई कहते हैं कि इस विषय पर सरकार को चर्चा के लिए बाध्य करेंगे। यह चर्चा संसद के दोनों में होनी चाहिए और सरकार के कानून मंत्री या अन्य को इस पर चर्चा का जवाब देना चाहिए। विपक्ष अपनी इस मांग को लेकर सदन को नहीं चलने दे रहा है। समझा रहा है कि कल भी विपक्ष इस मुद्दे पर चर्चा की मांग करेगा। एसआईआर का मुद्दा उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन इससे पहले संसदीय कार्यमंत्री किरण रिजजू ने बुधवार को बिहार में मतदाता सूची की गहन समीक्षा (एसआईआर) पर चर्चा कराने से साफ इनकार कर दिया था। रिजजू का कहना है कि एसआईआर का मुद्दा उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन है। इस कारण संसद में इस विषय पर अभी चर्चा नहीं हो सकती। चुनाव आयोग स्वायत्त संवैधानिक निकाय है और संसदीय नियमों के उसके कामकाज पर संसद पर चर्चा नहीं की जा सकती। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने भी सदन को बताया कि चुनाव आयोग स्वायत्त संवैधानिक निकाय है और उसके कामकाज पर संसद में चर्चा नहीं की जा सकती, लेकिन विपक्ष इससे सहमत नहीं है। विपक्ष अपनी मांग पर अड़ा है। वह एसआईआर के मुद्दे पर लगातार चर्चा कराने की मांग कर रहा है।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Aug 10, 2025, 09:59 IST
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