Hamirpur (Himachal) News: स्टार्टअप योजना से दौड़ने लगी रमेश और नसीरद्दीन की जिंदगी की गाड़ी
ई-टैक्सी खरीदने पर मिली 9.62 लाख रुपये की सब्सिडी, स्वरोजगार शुरू करने में मिला सहारासब्सिडी ही नहीं मिली, इसी योजना के तहत ई-टैक्सी के लिए स्थायी रूप से काम का भी प्रावधान भी कियासंवाद न्यूज एजेंसीहमीरपुर । राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना कई बेरोजगारों के लिए नई खुशियां लेकर आई है। योजना से हमीरपुर जिला के गांव भूंपल के रमेश कुमार और मझियार के नसीरद्दीन की जिंदगी की गाड़ी अब सरपट दौड़ने लगी है। प्राइवेट कंपनियों और अन्य ट्रांसपोर्टरों की गाड़ी चलाकर अपने परिवारों का पालन-पोषण कर रहे रमेश कुमार और नसीरद्दीन के पास न तो स्थायी नौकरी थी और न ही वे अपनी गाड़ी खरीदकर उसे टैक्सी के रूप में चलाने की सोच सकते थे। कम वेतन पर ट्रांसपोर्टरों की गाड़ी चलाना, बार-बार नौकरी बदलना और कई-कई हफ्तों तक घर से बाहर रहते हुए दिन-रात वाहन चलाना रमेश कुमार और नसीरद्दीन की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था।लेकिन मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार ने जब राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना की शुरुआत की तो रमेश और नसीरद्दीन को तो बहुत बड़ा सहारा मिल गया। उन्होंने योजना के तहत ई-टैक्सी खरीदने के लिए ऑनलाइन माध्यम से आवेदन कर दिया और योजना के पहले चरण में ही ई-टैक्सी के लिए उनका नंबर भी आ गया। ई-टैक्सी की खरीद पर रमेश कुमार और नसीरद्दीन को प्रदेश सरकार की ओर से 50 फीसदी सब्सिडी मिली, जिसकी राशि प्रति वाहन लगभग 9.62 लाख रुपये है। प्रदेश सरकार ने भारी-भरकम सब्सिडी ही नहीं दी, बल्कि इसी योजना के तहत ई-टैक्सी के लिए स्थायी रूप से काम देने का भी प्रावधान कर दिया। रमेश कुमार की इलेक्ट्रिक गाड़ी को जलशक्ति विभाग के भोरंज मंडल में और नसीरद्दीन की गाड़ी को क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय हमीरपुर के साथ अटैच कर दिया। यानी इन दोनों वाहन मालिकों एवं चालकों की कारोबार की चिंता भी सरकार ने ही दूर कर दी है।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Apr 06, 2025, 18:01 IST
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