अपराध होने पर तोड़ने होगी चुप्पी : सीजेएम
संवाद न्यूज एजेंसीकरनाल। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से मंगलवार को केंद्रीय मृदा लवणता अनुसंधान संस्थान (सीएसएसआरआई) के सभागार में स्त्री-पुरुष समानता नागरिक दायित्व विषय पर राज्य स्तरीय कार्यशाला आयोजित की गई। इसमें मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डॉ. इरम हसन ने कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के मामले में सबसे पहले आंतरिक कमेटी को शिकायत करना जरूरी है। यौन उत्पीड़न केवल पुरुष ही नहीं, महिला अथवा ट्रांसजेंडर भी कर सकता है। महिलाओं को अपने साथ अपराध होने पर चुप्पी तोड़नी होगी। मुख्य वक्ता एवं वरिष्ठ पत्रकार धर्मेंद्र भदौरिया ने कहा कि आज भी कई जगह महिलाओं के साथ समानता का व्यवहार नहीं किया जाता। देश में प्रति मिनट कहीं न कहीं महिलाओं के साथ कोई न कोई अपराध हो रहा है। लेखिका पूनम अरोड़ा ने कहा कि स्त्रियों को अधिकार दिलाने में साहित्य की ऐतिहासिक भूमिका है। लेखक शम्स तबरेजी ने कहा कि बदलते समय में महिलाओं को निर्णय लेने के लिए किसी से पूछने की आवश्यकता नहीं है। डीएसपी मीना कुमारी ने कहा कि पुलिस महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। जनसंपर्क अधिकारी राजीव रंजन ने कार्यशाला के विषय पर विचार रखे। मौके पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सीमा प्रसाद, जिला परिषद की डिप्टी सीईओ रोजी, सीडीपीओ राजबाला मोर, संतोष, जिला बाल संरक्षण अधिकारी रीना फौगाट, संरक्षण अधिकारी सुमन नैन, गुरमीत आदि मौजूद रहे।ो
- Source: www.amarujala.com
- Published: Mar 05, 2025, 02:06 IST
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