Karnal News: यमुना के तटबंध पर ठोकर लगा लाइनिंग बीच में छोड़ी, बाढ़ बचाव के प्रबंध की समीक्षा की तो आई याद

-जिले में राणा माजरा से हथवाला गांव तक करीब 40 किलोमीटर में है यमुना, जिले में 24 स्थानों पर लगाई जानी है ठोकरसंवाद न्यूज एजेंसीसनौली। यमुना में हर साल बाढ़ आने के बाद भी प्रशासन और सिंचाई विभाग प्रबंधों के लिए गंभीर नहीं दिख रहा। पत्थरगढ़ और तामशाबाद में करीब तीन करोड़ की लागत से तटबंध पर ठोकर लगाकर लाइनिंग करना छोड़ दिया। बाढ़ नियंत्रण के प्रबंधों की समीक्षा की तो सिंचाई विभाग के अधिकारियों को इन सबकी याद आई। अब लाइनिंग करना शुरू किया है। इसके साथ अन्य कार्य के लिए एस्टीमेट बनाया गया है। पानीपत में यमुना राणा माजरा से हथवाला गांव तक करीब 40 किलोमीटर क्षेत्र में लगती है। मानसून में हथिनी कुंड बैराज से हर साल पानी छोड़ दिया जाता है। ऐसे में राणा माजरा और पत्थरगढ़ समेत अन्य कई गांवों के पास यमुना टूट जाती है। यमुना के पानी को किनारों से टकराने से रोकने के लिए पत्थर की ठोकर लगाई जाती हैं। इससे पानी सीधे तट से नहीं टकरा पाता। सिंचाई विभाग को गत वर्ष बारिश से पहले पत्थर की ठोकर लगाई जानी थी लेकिन पत्थर नहीं मिलने पर ठोकर नहीं लगाई जा सकी। विभाग बारिश के बाद पत्थरगढ़ व तामशाबाद गांव में करीब तीन करोड़ रुपये में पत्थर की ठोकर लगाई। पत्थरगढ़ गांव में करीब डेढ़ करोड़ की लागत से कच्चे तटबंध को पत्थरों, ईंटों व सीमेंट से पक्का किया। ग्रामीण बोले मजबूत होनी चाहिए ठोकरगांव के सरपंच प्रतिनिधि गोविंद, पूर्व सरपंच गजे सिंह व पूर्व सरपंच प्रतिनिधि कृष्ण ने बताया कि ग्रामीणों ने पिछले वर्ष ही इन ठोकरों की मरम्मत करने की मांग की थी। यमुना में पानी आने पर मरम्मत नहीं हो पाई थी। तामशाबाद गांव में बहाव में पानी सीधा तटबंध से टकराता है। यहां पर पत्थर की ठोकरें मजबूत होनी चाहिए। ताकि पानी के तेज बहाव में भी तटबंध को कोई किसी प्रकार का खतरा न हो।नवादा के पास 2023 में टूटा था तटबंध सनौली खंड के नवादा व पत्थरगढ़ गांव के बीच 11 जुलाई 2023 को यमुना का तटबंध टूटा गया था। दूसरा तटबंध नवादा-आर गांव के पास टूटा था। करीब आठ गांव की करीब 40 हजार एकड़ फसल में पानी भर गया था। सनौली खुर्द गोशाला में पानी घुसने से कई गाय व बछड़ाें की मौत हो गई थी। गोयला कलां गांव के किसान की पानी से भैंस को निकालते मौत हो गई थी। गोयला कलां में यमुना के पानी में डूब रही भैंस को बचाने पर किसान विक्रम (47) की मौत हो गई थी। पत्थरगढ़ गांव में करीब डेढ़ करोड़ से लाइनिंग और तामशाबाद गांव में डेढ़ करोड़ से पुरानी ठोकरों की मरम्मत की गई है। इसके अलावा विभाग ने एस्टीमेट बनाकर भेजा है। विभाग यमुना पर बाढ़ बचाओ प्रबंधन के लिए कार्य किया जा रहा है। यमुना तटबंध की निरंतर निरीक्षण किया जा रहा है। यहां जरूरत अनुसार मरम्मत की जा रही है।सुरेश सैनी, एक्सईएन, सिंचाई विभाग।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jun 01, 2025, 03:22 IST
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