Champawat News: वन भूमि के फेर में फंसी तीन सड़कें

चंपावत। जिले के चार ग्राम पंचायतों में वन भूमि के फेर में स्वीकृत सड़कों का निर्माण नहीं हो सकेगा। सड़क निर्माण के लिए सिविल भूमि की तलाश विभाग की तरफ से जारी है। ऐसे में स्वीकृत सड़कों के निर्माण में समय लग सकता है। सड़क निर्माण नहीं होने से करीब 100 से अधिक परिवारों मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं।जिले में बसौटी-रौकुंवर, बिरमुला- रायल और मंच- बकोड़ा सड़क को स्वीकृति मिले लंबा समय हो गया है, लेकिन सड़क निर्माण के लिए सिविल भूमि नहीं मिलने के कारण निर्माण कार्य अधर में लटका है। जिले के सीमांत तल्लादेश की ग्राम पंचायत बकोड़ा में सड़क के अभाव में लोगों को 30 किमी पैदल आना जाना पड़ता है। सबसे अधिक दिक्कत बीमार और गर्भवतियों को अस्पताल तक पहुंचाने में होती है। सड़क विहीन गांव में डोली ही एकमात्र सहारा होता है। इसमें लोगों को आने जाने में घंटों का समय लग जाता है। उच्चशिक्षा के लिए भी क्षेत्र के बच्चों को पढ़ाई के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ती है। सड़क के इंतजार में गांव की आबादी लगातार कम होती जा रही है। वर्तमान में गांव में करीब 70 परिवार निवास करते हैं। अब करीब 50 परिवार रहते हैं। धीरे-धीरे शेष परिवारों के लोग भी शहर की तरफ बसने का मन बना रहे हैं। वहीं स्वीकृत बसौटी-रौकुंवर, बिरमुला- रायल सड़क भी वन भूमि के फेर में फंसने के कारण 50 से अधिक परिवारों के लोग मुश्किल में जीवन जी रहे हैं। कोटबकोड़ा गांव तक सड़क नहीं होने से लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सरकार आश्वासन देती आ रही है। लोग पलायन करने के लिए मजबूर हैं। - महेंद्र सिंह रावत, प्रधान प्रशासक बकोड़ाजिले में तीन स्वीकृत सड़कों के निर्माण सिविल भूमि नहीं मिलने के कारण लंबित हैं। भूमि की तलाश की जा रही है। पूर्व में भूमि मिली थी, लेकिन केंद्र की आपत्ति की बाद काम शुरू नहीं हो सका। मोहन पलड़िया, ईई, लोनिवि, चंपावत।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: May 29, 2025, 22:39 IST
पूरी ख़बर पढ़ें »




Champawat News: वन भूमि के फेर में फंसी तीन सड़कें #ThreeRoadsStuckInForestLand #SubahSamachar