संतोष धारण करने से सुख प्राप्त करता जीव : ज्ञान भूषण
हस्तिनापुर। कस्बे के श्री दिगंबर जैन प्राचीन बड़ा मंदिर के मल्लिनाथ भगवान के समवशरण में पर्यूषण पर्व के अवसर पर चल रहे श्री इंद्रध्वज महामंडल विधान कार्यक्रम का शुभारंभ जाप्य अनुष्ठान के साथ शुरू हुआ। अनुष्ठान में समस्त जगत की सुख, शांति व समृद्धि की कामना की गई। श्री जिनेंद्र भगवान के अभिषेक के उपरांत महामंत्रों से मंत्रित शांतिधारा की गई। शांतिधारा करने का सौभाग्य मोनिका जैन, संजीव जैन को प्राप्त हुआ। शांतिधारा में हजारी लाल जैन ने सहयोग किया। आचार्य ज्ञान भूषण महाराज ने कहा कि उत्तम शौच धर्म जगत में विख्यात है। यह लोभ कषाय के अभाव में होता है। लोभ सर्व पापों को उत्पन्न करने वाला है। संतोष धारण करने से जीव को सुख प्राप्त होता है। जीव की पवित्रता शील, जप, तप, ज्ञान, ध्यान के प्रभाव से होती है। मानव शरीर का स्वभाव अपवित्र है, क्योंकि उसके अंदर मल भरा हुआ है इसलिए उसे पवित्र नहीं कहा जा सकता। महाव्रती साधु ही शौच गुण को प्राप्त करते हैं। उत्तम शौच धर्म का अनुशरण कर मनुष्य भी शौच गुणों को प्राप्त कर सकता है। कषाय विभाव भाव है। ईंधन डालने से अग्नि कभी संतुष्ट नहीं होती। नदियों के मिलने से सागर कभी शांत नहीं होता। विषयों के भोगने से वासनाएं शांत नहीं होती। परिग्रह को जोड़ने से लोभ कभी शांत नहीं होता। पंडित आशीष जैन शास्त्री व आयुष जैन शास्त्री ने इंद्रध्वज महामंडल विधान में भगवान मल्लिनाथ की भक्ति करते हुए मुकेश जैन, मनोरमा जैन, एसके जैन, अनंतवीर जैन, मंजू जैन, अनिल जैन, विनोद जैन आदि श्रद्धालु शामिल रहे। सांस्कृतिक प्रातियोगिता के पुरस्कार सुनीता जैन, विमला देवी जैन, सुमत प्रसाद जैन ने बांटे। इस मौके पर क्षेत्र के अध्यक्ष जीवेंद्र कुमार जैन, महामंत्री मुकेश जैन, कोषाध्यक्ष राजेंद्र कुमार जैन, विजय कुमार जैन एवं महाप्रबंधक मुकेश जैन, अतुल जैन, उमेश जैन, कमल जैन, आदि ने सहयोग किया। प्राचीन दिगंबर जैन बड़े मंदिर में पूजा अर्चना करते श्रद्धालु स्रोत मंदिर
- Source: www.amarujala.com
- Published: Aug 31, 2025, 21:04 IST
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