भक्ति, समर्पण और सेवा से ही ईश्वर की प्राप्ति संभव : सतीश

राजा का तालाब (कांगड़ा)। गद्दी सिद्ध बाबा शिब्बोथान, भरमाड़ में आयोजित 70वां अर्धवार्षिक श्रीमहाशिवपुराण अखंड पाठ एवं विशाल संत सम्मेलन सोमवार को संपन्न हो गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर महंत सतीश वत्स ने की। उन्होंने कहा कि कहा कि ईश्वर की प्राप्ति भक्ति योग, प्रेम, समर्पण, ज्ञान योग और निस्वार्थ कर्म योग से ही संभव है। संतों का सानिध्य, ध्यान, एकाग्रता और दीन-दुखियों की सेवा से ईश्वर प्रसन्न होते हैं। उन्होंने कहा कि मन को शांत और पवित्र रखकर, प्रेमाश्रुओं के साथ प्रभु के चरणों का ध्यान करना ही सच्ची भक्ति है। महंत सतीश वत्स ने यह भी कहा कि प्रेम के बिना किया गया जप, तप या दान अधूरा है, जबकि प्रभु के प्रति सच्चा प्रेम ही ईश्वर की प्राप्ति का मूल मंत्र है। श्रीमहाशिवपुराण अखंड पाठ की पूर्णाहुति के उपरांत दोपहर 12:15 बजे सम्मेलन की प्रथम बैठक आयोजित हुई। इसमें विभिन्न स्थानों से पहुंचे संत महात्माओं—महामंडलेश्वर महंत स्वामी भगवान दास (होशियारपुर), महंत पवन दास, स्वामी राम अवध दास (जम्मू) और स्वामी विक्रम देव ने प्रभु प्रेमी भक्तों को श्री नारायण की अलौकिक महिमा का गुणगान कर भावविभोर किया। इस अवसर पर अनेक प्रभु प्रेमी भक्तों ने भक्ति की ज्ञान गंगा में डुबकी लगाकर स्वयं को धन्य किया।

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Nov 17, 2025, 17:36 IST
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