मुकेश जैन बोले- जीएसटी दरों में बदलाव से हिमाचल के गत्ता उद्योग को होगा नुकसान
जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में वित्त मंत्रालय ने गहन मंथन के बाद आईपीएल जैसे खेल आयोजनों के टिकट, तंबाकू-सिगरेट जैसे उत्पाद और बीमा पर कर की दरों में बदलाव जैसे अहम फैसले लिए। नई दरें नवरात्रि के मौके पर यानी 22 सितंबर 2025 से प्रभावी होंगी। उधर, हिमाचल प्रदेश के उद्योगों के कारोबार पर भी इसका असर देखने को मिल सकता है। हिमाचल प्रदेश गत्ता उद्योग संघ के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष मुकेश जैन ने कहा कि जीएसटी दरों में बदलाव से प्रदेश के गत्ता उद्योग को नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि गत्ता उद्योग पर पांच फीसदी जीएसटी कर दिया है जो पहले 12 फीसदी था। वहीं पेपर पर 12 से 18 फीसदी कर दिया है। पेपर, उद्योगों का कच्चा माल होता है। लेकिन अब गत्ता उद्योगों को खरीद पर 18 फीसदी जीएसटी लगेगा और सेल पर पांच फीसदी लगेगा। इससे गत्ता उद्योग को सबसे ज्यादा नुकसान होगा। क्योंकि उद्योगों को 18 फीसदी जीएसटी दर पर पेपर की खरीद करनी पड़ेगी और ग्राहक से पांच फीसदी ही मिलेगा। इससे सीधे-सीधे 13 फीसदी का नुकसान उद्योग को होगा। इसकी वर्किंग कैपिटल हर महीने जमा होगी। उन्होंने कहा कि गत्ता व पेपर पर पांच-पांच या पहले की तरह 13-13 फीसदी ही जीएसटी लगाया जाए, अन्यथा गत्ता उद्योग बंद हो जाएंगे। बता दें, 250 से अधिक गत्ता उद्योग हैं। इन उद्योगों में से 150 से ज्यादा उद्योगों में सेब के बॉक्स तैयार होते हैं। सेब सीजन में अच्छा उत्पादन कर यहां के गत्ता संचालक पूरे साल की कमाई कर लेते हैं।
- Source: www.amarujala.com
- Published: Sep 04, 2025, 16:16 IST
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