सम्मेद शिखर: तीर्थ उपासना के लिए हैं, पर्यटन क्षेत्र न बनाए सरकार

झांसी। पवित्र जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के केंद्र और झारखंड सरकार के फैसले का विरोध तेज होता जा रहा है। बुुंदेलखंड में भी तीर्थ संरक्षण के लिए जैन समाज आवाज बुलंद करने जा रहा है। इसे लेकर तैयारी कर ली गई है। आठ जनवरी से कचहरी चौराहा स्थित गांधी मूर्ति पर क्रमिक अनशन शुरू किया जाएगा। अनशन से हर श्रावक को जोड़ने के लिए बुंदेलखंड के सातों जिलों में संयोजक बनाए गए हैं। जैन समाज के लोगों ने कहा कि तीर्थ उपासना के लिए हैं, इनको पर्यटन क्षेत्र बनाकर सरकार क्षेत्र की पवित्रता को भंग कर रही है। -------------सम्मेद शिखर का महत्व और विवादसम्मेद शिखर जैन तीर्थ झारखंड प्रदेश के गिरडीह जिले में स्थित है। जैन धर्म ग्रंथों के अनुसार यहां बने पर्वत से जैन धर्म के 24 तीर्थंकरों में से 20 तीर्थंकरों ने मोक्ष प्राप्त किया है। बड़ी संख्या में हर साल यहां जैन श्रावक-श्राविकाएं दर्शन के लिए पहुंचते हैं। यहां बने पर्वत पर करीब 27 किमी लंबी चढ़ाई करके श्रावक-श्राविकाएं पर्वत पर बने मंदिरों की वंदना करते हैं। क्षेत्र की पवित्रता को देखते हुए श्रावक -श्राविकाएं पूरी वंदना नंगे पैर करते हैं और वंदना के बाद ही कुछ खाते-पीते हैं। पूरी वंदना करने में श्रावकों को आठ से 10 घंटे का समय लगता है। फरवरी 2019 में झारखंड सरकार ने इस क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित करने का फैसला करने के साथ ही यहां मुर्गा और मछली बिक्री के लिए अनुमति दी। जिसे लेकर जैन समाज में आक्रोश है। जैन श्रावकों का कहना है कि मांस-मदिरा जैन धर्म में वर्जित है। जबकि तीर्थ क्षेत्र पर इसकी बिक्री से क्षेत्र की पवित्रता भंग होगी।---------------बुंदेलखंड से हर साल जाते एक लाख श्रद्धालुजैन धर्म में सम्मेद शिखर को लेकर मान्यता है कि जिसने एक बार इस तीर्थ की वंदना कर ली, उसे आने वाले जन्म में नरक और पशुगति नहीं मिलेगी। इसे लेकर हर साल बुंदेलखंड से करीब एक लाख श्रद्धालु जैन तीर्थ के दर्शन के लिए जाते हैं। सम्मेद शिखर की वंदना के बाद जैन धर्म में बुंदेलखंड की वंदना का महत्व है। सरकार के फैसले को लेकर अब बुंदेलखंड के जैन समाज ने भी आंदोलन की तैयारी कर ली है। बुंदेलखंड में शामिल जिलों में झांसी, ललितपुर, महोबा, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, जालौन समेत टीकमगढ़, सागर, अशोकनगर की जैन समाज को शामिल कर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। ------------------कहते हैं श्रावकजैन तीर्थ को पर्यटन स्थल बनाकर सरकार उसकी पवित्रता को भंग कर रही है। इस फैसले को सरकार तुरंत वापस ले। - शशि जैन-------------सम्मेद शिखर से 20 तीर्थंकर और असंख्यात मुनि मोक्ष गए हैं। सरकार तीर्थ क्षेत्र को पर्यटन क्षेत्र घोषित न करे। - सरोज जैन------------बुंदेलखंड से हर साल बड़ी संख्या में श्रावक शिखरजी जाते हैं। बुंदेलखंड में तीर्थ रक्षा के आंदोलन शुरू होगा। - प्रवीण जैन--------------सम्मेद शिखर जैन समाज का प्रमुख तीर्थ है। इसके संरक्षण के लिए समाज पूरी मजबूती के साथ विरोध करेगा। - अंजू जैन--------------जैन समाज हमेशा शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करता है। मगर तीर्थ के अस्तित्व पर आई आंच को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। - विकास जैन------------जैन समाज देश में अल्पसंख्यक है। मंदिरों के निर्माण में भी समाज सरकार से कोई सहयोग नहीं लेता। उनके संरक्षण के लिए भी हम एकजुट हैं। - संजय जैन

  • Source: www.amarujala.com
  • Published: Jan 04, 2023, 23:46 IST
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